केरल में चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में सीपीएम के नेतृत्व वाले वाम मोर्चे को आगे बताया गया था और तभी कांग्रेस के नेताओं को ज्यादा मेहनत करनी पड़ रही है। लेकिन खुद लेफ्ट मोर्चे में राज्य में जबरदस्त विभाजन देखने को मिल रहा है। मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन के कामकाज की शैली से पार्टी के अनेक नेता बहुत नाराज हैं। मीडिया में विजयन को कैप्टन बता कर प्रचारित किए जाने से भी लेफ्ट के अनेक नेता नाराज हैं। पहले से ही प्रकाश करात और सीताराम येचुरी खेमे में बंटी पार्टी में अनेक नेता हैं, जो करात के करीबी पिनरायी विजयन के बढ़ते कद से परेशान हैं। इस बीच चुनाव प्रचार के दौरान एक नई बात यह जुड़ गई कि विजयन को केरल का मोदी कहा जाने लगा।
विजयन के कामकाज की शैली मोदी की तरह है। वे अपने ऊपर फोकस बनवाते हैं और पार्टी में सारे फैसले अपने हिसाब से करते हैं। सो, कैप्टेन या मोदी कहा जाता है। इससे पार्टी के अंदर इतनी नाराजगी बढ़ी कि खुद विजयन को सफाई देनी पड़ी। राज्य के पूर्व सचिव कोडयारी बालाकृष्णन ने भी इस पर सफाई दी और कहा कि सीपीएम में कोई कैप्टेन नहीं होता है, सब कॉमरेड होते हैं। यहीं बात पार्टी के एक और बड़े नेता पी जयराज ने भी कही। लेकिन इन सफाई से पहले पार्टी को जमीनी स्तर पर अच्छा खासा नुकसान हो चुका है। पार्टी के काडर में निचले स्तर पर भी इस अंदरूनी खींचतान का असर हुआ है।