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मंत्रियों के नाम से पहले मीडिया में बना नैरेटिव

ByNI Political,
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मंत्रियों के नाम से पहले मीडिया में बना नैरेटिव
obc ministers media narrative : नरेंद्र मोदी की दूसरी सरकार के पहले विस्तार में कौन कौन मंत्री बनेगा और कौन कौन बाहर होगा इसका अंदाजा किसी को नहीं था। तभी बुधवार को शाम छह बजे शपथ समारोह से चंद मिनट पहले तक अटकलें लगाई जा रही थीं। कुछ गिने-चुने नामों को छोड़ कर किसी चैनल या अखबार के पत्रकार को पता नहीं था कि कौन कौन मंत्री बन रहा है। लेकिन यह सबको पता था कि मोदी कैबिनेट अब तक की सबसे युवा कैबिनेट होगी, अब तक के इतिहास में सबसे ज्यादा ओबीसी, एससी और एसटी मंत्री बनेंगे और अब तक के इतिहास में सबसे ज्यादा प्रोफेशनल्स को सरकार में जगह मिलेगी। modi govt cabinet

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सोचें, जब किसी को नाम ही नहीं पता है कि कौन कौन मंत्री बन रहा है फिर यह कैसे पता चला कि सबसे ज्यादा ओबीसी, एससी और एसटी होंगे या युवा होंगे या पेशेवर होंगे? जाहिर है प्रधानमंत्री कार्यालय में मंत्रियों की सूची बना कर तैयार रखी गई थी और उस आधार पर यह विश्लेषण कर लिया गया था कि कितने ओबीसी, एससी या एसटी हैं और कितने युवा हैं और कैबिनेट की औसत आयु क्या बन रही है। लेकिन ये नाम मीडिया को नहीं बताए गए। सिर्फ इतना बताया गया कि सबसे युवा, सबसे अधिक ओबीसी, एससी और एसटी वाली कैबिनेट बन रही है। PM Modi Cabinet Expansion 2021

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obc ministers media narrative : हैरानी की बात है कि बिना नाम देखे या सूची देखे सभी मीडिया समूहों ने यह खबर चलाई कि सबसे युवा और सबसे अधिक ओबीसी, एससी और एसटी वाली कैबिनेट बन रही है। यह खबर मंगलवार को चलनी शुरू हुई और बुधवार को सभी प्रमुख अखबारों में हूबहू छपी। सोचें, किस तरह से राजनीतिक नैरेटिव बनाने के लिए मीडिया को टूल की तरह इस्तेमाल किया गया! और किसी मीडिया समूह में यह हिम्मत नहीं हुई कि वह कहे कि जब तक सूची नहीं मिलेगी तब तक हम यह खबर नहीं चलाएंगे कि सबसे ज्यादा युवा, सबसे ज्यादा ओबीसी, एससी और एसटी मंत्री बन रहे हैं! यह तो हैसियत हो गई है मीडिया की!
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