
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद कानपुर गए थे और नमामि गंगे परियोजना की समीक्षा की थी। सवाल है कि प्रधानमंत्री ने क्या समीक्षा की? यह परियोजना कहां तक पहुंची है, गंगा कितनी साफ हो गई है और कब तक यह परियोजना पूरी हो जाएगी, इस बारे में कोई खबर नहीं आई है। किसी अखबार या मीडिया में यह नहीं बताया गया है कि आखिर प्रधानमंत्री ने क्या समीक्षा की? ध्यान रहे नमामि गंगे परियोजना पूरी करने की डेडलाइन अगले साल की है। 2020 तक इस परियोजना के तहत गंगा को पूरी तरह से साफ करने का वादा किया गया था।
पर निजी तौर पर इस परियोजना की समीक्षा करने वालों का मानना है कि इसका दस फीसदी काम भी पूरा नहीं हुआ है। जहां प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री समीक्षा करने के लिए बैठे थे, उस शहर कानपुर में भी अनेक नाले अब भी गंगा में गिरते हैं। शहरों के कचरा निपटान और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट नहीं होने की वजह से गंगा के किनारे बसे शहरों का पूरा कचरा और नालियां गंगा में ही जाती हैं। गंगा की सफाई का सौगंध लेकर मंत्री बनीं उमा भारती काफी पहले इस मंत्रालय से विदा हो चुकी हैं। चूंकि गंगा की सफाई की कोई समग्र या व्यापक योजना नहीं है इसलिए नए मंत्री के तहत भी काम मंथर गति से ही चल रहा है।