politics Northeast bjp congress पूर्वोत्तर के राज्यों में हालात तेजी से बदल रहे हैं। दो राज्यों असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद को लेकर हुई हिंसक झड़प से अलग भी राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से चल रहा है। असम में सत्तारूढ़ भाजपा एक बार फिर कांग्रेस में तोड़-फोड़ करने लगी है तो दूसरी राज्यों में भी इस तरह की गतिविधियां चल रही हैं। मणिपुर में अगले साल चुनाव होना है उससे पहले कांग्रेस में विभाजन की खबर है। कांग्रेस के नेता उम्मीद कर रहे हैं कि मणिपुर में इस बार पार्टी चुनाव जीत सकती है। अगर प्रशांत किशोर कांग्रेस के साथ जुड़ते हैं तो पूर्वोत्तर में उनकी टीम त्रिपुरा के साथ साथ मणिपुर में भी काम कर सकती है।
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ध्यान रहे प्रशांत किशोर की कंपनी आई-पैक इस समय ममता बनर्जी के लिए काम कर रही है और पश्चिम बंगाल में तृणमूल की जीत के बाद ममता और पीके दोनों ने त्रिपुरा को दूसरा लक्ष्य बनाया है। आई-पैक की 23 सदस्यों की एक टीम त्रिपुरा में सर्वे कर रही है। भाजपा छोड़ कर तृणमूल में शामिल हुए मुकुल रॉय ने भी पुराने संपर्कों के आधार पर त्रिपुरा के नेताओं को वापस तृणमूल में लाने का अभियान चलाया है। कई छोटे-बड़े नेता दूसरी पार्टियों से निकल कर तृणमूल में शामिल हो रहे हैं। यह भाजपा के लिए खतरे की घंटी है। अगर पीके कांग्रेस से जुड़ते हैं और कांग्रेस व ममता में एकजुटता बनती है तो भाजपा को सबसे पहला झटका पूर्वोत्तर के राज्यों में ही लगेगा।
पूर्वोत्तर में हालात बदल रहे हैं
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