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कांग्रेस की उलटी राजनीति

ByNI Political,
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कांग्रेस की उलटी राजनीति
कांग्रेस पार्टी पिछले कुछ समय से लगातार उलटी राजनीति कर रही है। केरल में भी उसने ऐसा ही किया है। आमतौर पर चुनाव जीतने वाली पार्टियां प्रयोग करती हैं और नया नेतृत्व आगे करती है। हारने वाली पार्टी पुराने नेताओं के हाथ में कमान देकर अपने को मजबूत करती है। भाजपा भी पिछले साल साल से चुनाव जीत रही है तो हर राज्य में नए नेताओं को आगे कर रही है। उसने दर्जनों नए नेता खड़े किए। अब वे नेता अच्छे हैं या बुरे यह अलग बहस का विषय है। लेकिन कांग्रेस में उलटा होता है। वह जहां जीतती है तो वहां तो पुराने नेता कमान में रहते हैं और जहां हारती है वहां प्रयोग शुरू हो जाते हैं। जैसे झारखंड में कांग्रेस सरकार में है तो वहां सर्वाधिक बुजुर्ग रामेश्वर उरांव और आलमगीर आलम को मंत्री बनाया गया। पंजाब और महाराष्ट्र में भी यही कहानी है। इसके उलट कांग्रेस जहां हारी जैसे गुजरात में तो वहां दो नए नए लोगों को कमान दे दी गई और उसके बाद पार्टी ने एक दर्जन जीते हुए विधायक गंवा दिए। इसमें हरियाणा एक अपवाद है। बहरहाल, यही राजनीति कांग्रेस ने केरल में की है। केरल में पार्टी चुनाव हार गई तो पिछली विधानसभा में विधायक दल के नेता रहे रमेश चेन्निथला को निपटा दिया गया। उनकी जगह वीडी सतीशन को विधायक दल का नेता बनाया गया। अपने चहेते पत्रकारों से कांग्रेस ने यह ट्विस्ट दिया कि नई पीढ़ी को कमान दी जा रही है। सोचें, 56 साल के सतीशन नई पीढ़ी हैं और 64 साल के चेन्निथला पुरानी पीढ़ी हैं! असल में केरल की अंदरूनी राजनीति के चक्कर में राहुल गांधी के करीबी कुछ नेताओं ने चेन्निथला को हटवा दिया है। कांग्रेस के लिए यह फैसला बड़ा नुकसानदेह साबित हो सकता है।
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