राष्ट्रीय जनता दल के दिग्गज नेता रहे रघुवंश प्रसाद सिंह ने दिल्ली के एम्स में भरती रहते दो चिट्ठियां लिखीं, जिनकी बड़ी चर्चा हुई है। एक चिट्ठी उन्होंने अपनी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद को लिखी, जिसमें उन्होंने बड़े भावुक अंदाज में पार्टी छोड़ने की घोषणा की थी। दूसरी चिट्ठी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लिखी, जिसमें उन्होंने बिहार और अपने क्षेत्र वैशाली को लेकर कुछ काम करने की अपील की थी, जिसे उनकी अंतिम इच्छा के तौर पर प्रचारित किया जा रहा है।
लेकिन साथ ही इन चिट्ठियों पर सवाल भी उठने लगे हैं। राजद के एक विधायक ने खुल कर सवाल उठाए लेकिन कुछ लोग दबी जुबान में पूछ रहे हैं कि जब रघुवंश बाबू तीन दिन से आईसीयू में थे और वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखे गए थे वे चिट्ठी कैसे लिख रहे थे? यह भी खबर सामने आई है कि रघुवंश बाबू अपना इलाज पटना में करा रहे थे और उनको दिल्ली एम्स जाने की सलाह नीतीश कुमार ने फोन करके दी थी। तभी यह अंदेशा जताया जा रहा है कि किसी तरह से उनके परिवार के सदस्यों को मैनिपुलेट करके चिट्ठी लिखवाई गई है। चिट्ठियों की हकीकत क्या है यह किसी को पता नहीं है। असलियत का अंदाजा उनके बेटे सत्यप्रकाश के अगले कदम से चलेगा। वे क्या रुख लेते हैं इससे तय होगा कि रघुवंश बाबू की विरासत किस तरफ जाती है।