केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में फेरबदल की चर्चा के बीच अब राज्यपालों की नियुक्ति की चर्चा तेज हो गई। कई राज्यों में राज्यपाल, उप राज्यपाल और प्रशासक के पद खाली हैं। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने इस्तीफे की पेशकश की है और कहा जा रहा है कि उनकी पेशकश स्वीकार कर ली जाएगी। जल्दी ही महाराष्ट्र को नया राज्यपाल मिलेगा। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल का कार्यकाल भी पूरा हो गया। असम के राज्यपाल जगदीश मुखी का कार्यकाल पूरा हो गया है। मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक को रिटायर हुए कई महीने हो गए। असम और मेघालय सहित पूर्वोत्तर के चार राज्यों में कार्यकारी राज्यपाल के जरिए काम चल रहा है। पुड्डुचेरी सहित कई केंद्र शासित प्रदेशों में उप राज्यपाल और प्रशासक के पद प्रभारियों ने संभाले हुए हैं।
तभी चर्चा है कि संसद के बजट सत्र से पहले कुछ राज्यपालों की नियुक्ति हो सकती है। मंगलवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इससे दो दिन पहले ही राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने प्रधानमंत्र को चिट्ठी लिख कर खुद को सभी राजनीतिक जिम्मेदारी से मुक्त करने को कहा है। वैसे भी उनको महाराष्ट्र से हटाने की तैयारी पिछले साल नवंबर से हो चल रही थी, जब उन्होंने छत्रपति शिवाजी को लेकर बयान दिया थ।
बहरहाल, जानकार सूत्रों का कहना है कि पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह को महाराष्ट्र का राज्यपाल नियुक्त किया जा सकता है। पिछले साल उनकी पार्टी पंजाब लोकहित कांग्रेस ने भाजपा से तालमेल करके चुनाव लड़ा था पर किसी को कोई फायदा नहीं हुआ। उसके बाद उन्होंने अपनी पार्टी का विलय भाजपा में कर दिया। उसी समय से उनको राज्यपाल बनाए जाने की चर्चा चल रही है। हालांकि पहले कहा जा रहा था कि उनको पूर्वोत्तर के किसी राजभवन में भेजा जाएगा लेकिन अब चर्चा है कि वे महाराष्ट्र जा सकते हैं। ध्यान रहे महाराष्ट्र में भाजपा का बहुत कुछ दांव पर है इसलिए वह सोच समझ कर नियुक्ति करेगी।
कैप्टेन अमरिंदर सिंह के अलावा मध्य प्रदेश के भाजपा नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रभात झा के नाम की भी चर्चा है। कहा जा रहा है कि कैप्टेन या प्रभात झा में से कोई राज्यपाल बनेगा। झारखंड से भाजपा के एक नेता के नाम की चर्चा है तो बिहार से भी एक नेता को राजभवन भेजे जाने की खबर है। आनंदी बेन पटेल अगर काम करती रहती हैं तो गुजरात से किसी नए चेहरे को मौका नहीं मिलेगा। मध्य प्रदेश से प्रभात झा की चर्चा है उनके साथ साथ चुनाव वाले अन्य राज्यों से भी कुछ नेता राजभवन भेजे जा सकते हैं।