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मायावती की मुश्किल बढ़ाएंगी प्रियंका

ByNI Political,
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मायावती की मुश्किल बढ़ाएंगी प्रियंका
प्रियंका गांधी वाड्रा को पिछले साल लोकसभा चुनाव से ठीक पहले सक्रिय राजनीति में लाकर उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया गया था। हालांकि उनकी लांचिंग बहुत खराब हुई थी। वे कांग्रेस पार्टी की दो लोकसभा सीटों मंघ एक सीट गंवा बैठीं। उनकी देख रेख में राहुल गांधी अमेठी की सीट से चुनाव हार गए। लेकिन प्रियंका ने उसके बाद भी उत्तर प्रदेश नहीं छोड़ा। वे लगातार सक्रिय बनी रहीं। इस दौरान उन्होंने सिर्फ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को निशाना बनाया। उनकी सरकार के कामकाज पर सवाल उठाए पर राज्य की सरकार और भारतीय जनता पार्टी से ज्यादा परेशानी बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती को हुई। प्रियंका के ऊपर भाजपा से ज्यादा हमला बसपा प्रमुख ने किया। प्रियंका और कांग्रेस के विरोध में वे इतना आगे बढ़ गईं कि उन्होंने खुल कर भाजपा का समर्थन कर दिया। चीन पर टकराव के बहाने ही सही, लेकिन उन्होंने कहा कि वे इस समय में भाजपा सरकार के साथ खड़ी हैं। वे चुप रह सकती थीं या दूसरी पार्टियों की तरह कह सकती थीं कि वे सेना के साथ खड़ी हैं। पर उन्होंने कहा कि वे केंद्र सरकार के साथ हैं। इसका मतलब है कि उन्होंने अपना मुस्लिम वोट आधार खिसकता देख लिया है और किसी तरह से अपने दलित आधार को बचाने का प्रयास कर रही हैं। असल में मायावती को इस बात की चिंता है कि कांग्रेस पार्टी ने प्रियंका को उत्तर प्रदेश की राजनीति में उतार कर कांग्रेस के पुराने वोट आधार यानी ब्राह्मण, दलित और मुस्लिम को अपने साथ करने का दांव चला है। किसी जमाने में मायावती को इसी वोट से पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने का मौका मिला था। अब इसमें से उनके पास सिर्फ दलित वोट बचा है। ब्राह्मण भाजपा के साथ गया था पर योगी आदित्यनाथ की राजनीति के कारण उसका बहुत हद तक मोहभंग हुआ है। ऐसे में प्रियंका की सक्रियता मायावती के बचे-खुचे वोट बैंक पर भी ग्रहण लगा सकती है। तभी मायावती अब लगातार कांग्रेस और प्रियंका को निशाना बना रही हैं। अगर प्रियंका जाकर लखनऊ में रहने लगती हैं तो मायावती की मुश्किलें और बढ़ेंगी।
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