तमिलनाडु से सटे पुड्डुचेरी में भाजपा का एक गेम कामयाब हो गया है। उसने ऐन चुनाव से पहले कांग्रेस की सरकार गिरा दी है। अब भाजपा वहां नई सरकार नहीं बनाना चाहती है। हालांकि भाजपा के सहयोगी रंगास्वामी चाहते हैं कि दो महीने के लिए नई सरकार बनाई जाए, जबकि भाजपा की रणनीति राष्ट्रपति शासन में चुनाव कराने की है। नई सरकार बनाने का कोई मतलब इसलिए भी नहीं है क्योंकि अगले महीने के पहले हफ्ते में चुनाव की घोषणा होनी है और उसके साथ ही आचार संहिता लागू हो जाएगी। ऐसे में सरकार सिर्फ नाम की होगी लेकिन उस आधार पर ही कांग्रेस इस बात का प्रचार कर सकती है कि भाजपा ने सत्ता हासिल करने के लिए चुनी हुई सरकार को गिरा दिया।
भाजपा इस समय कोई निगेटिव प्रचार नहीं चाहती है। इसलिए उसने रंगास्वामी को सरकार नहीं बनाने के लिए समझाया है। बहरहाल, कांग्रेस की नारायणसामी सरकार गिराने के बाद अब भाजपा को अगले चुनाव के लिए गठबंधन बनाना है। तमिलनाडु में भाजपा ने अन्ना डीएमके से गठबंधन किया हुआ है इसलिए पुड्डुचेरी में वह गठबंधन रहेगा, लेकिन पुड्डुचेरी के गठबंधन में न अन्ना डीएमके बड़ी पार्टी होगी और न भाजपा। वहां विधानसभा की कुल 33 सीटें हैं, जिनमें से तीन मनोनीत श्रेणी की सीटें हैं, जिन पर भाजपा का सदस्य होगा। बाकी 30 सीटों पर चुनाव होगा, जिसमें आधे से ज्यादा सीटों पर रंगास्वामी की पार्टी ऑल इंडिया एनआर कांग्रेस लड़ेगी। आधे से कम सीटों पर बाकी दोनों पार्टियों को लड़ना होगा। पिछली बार भी रंगास्वामी की पार्टी को सात सीटें आएंगी।
सो, भाजपा की मजबूरी है कि वह रंगास्वामी को सीएम का दावेदार बना कर चुनाव लड़े। फिलहाल भाजपा की प्राथमिकता पुड्डुचेरी में अपना खाता खोलने और पैर जमाने की है। भाजपा इस बार मजबूत स्थिति से शुरू करेगी। कांग्रेस छोड़ने वाले पांच में से तीन विधायक भाजपा में शामिल हो गए हैं और बाकी भी जल्दी ही भाजपा में शामिल होंगे। इसलिए गठबंधन हुआ तो भाजपा ज्यादा सीटों की मांग करेगी। अगर ये तीनों पार्टियां साथ लड़ती हैं तो इनकी जीत के अवसर हैं। दूसरी ओर कांग्रेस और डीएमके साथ मिल कर लड़ेंगे।
पुड्डुचेरी में भाजपा क्या करेगी?
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