
कांग्रेस पार्टी ने उत्तर प्रदेश में ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ का नारा दिया है और उसी नारे पर चुनाव लड़ रही है। प्रियंका गांधी वाड्रा ने यह नारा दिया है और अपने वादे के मुताबिक 40 फीसदी टिकट भी महिलाओं को देने की शुरुआत की है। हालांकि वे खुद चुनाव नहीं लड़ रही हैं इसलिए सोशल मीडिया में यह सुझाव भी दिया जा रहा है कि कांग्रेस को नारा बदल कर ‘लड़की हूं लड़ा सकती हूं’ कर देना चाहिए। बहरहाल, सवाल है कि उत्तर प्रदेश की लड़कियां लड़ सकती हैं तो क्या पंजाब की लड़कियां नहीं लड़ सकती हैं? कांग्रेस पार्टी पंजाब में यह नारा क्यों नहीं दे रही है और वहां भी लड़कियों को उसी अनुपात में टिकट क्यों नहीं दे रही है? punjab assembly election
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पंजाब में कांग्रेस पार्टी ने 117 सीटों में से 86 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। इनमें सिर्फ आठ फीसदी टिकट ही महिलाओं को दी गई है। सोचें, उत्तर प्रदेश में कहां 40 फीसदी और पंजाब में कहां आठ फीसदी! अगर कांग्रेस को लग रहा है कि महिलाएं एक अलग मतदाता समूह के रूप में उभर रही हैं और प्रियंका गांधी वाड्रा का चेहरा उनको जाति, धर्म आदि की बाध्यताओं से मुक्त करके कांग्रेस के साथ ला सकता है तो पंजाब में भी इसे आजमाना चाहिए। कांग्रेस ऐसा नहीं कर रही है तो इसका सीधा मतलब यहीं निकलता है कि वह इस तरह के प्रयोग सिर्फ उन्हीं राज्यों में करेगी, जहां उसको इन प्रयोगों की विफलता तय दिख रही हो। उत्तर प्रदेश में चुनाव जीतने की कोई संभावना नहीं है तो लड़कियों को लड़ा दो। लेकिन जहां चुनाव जीतने की संभावना है वहां समीकरण के हिसाब से टिकट दो।