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सिद्धू का क्या करेगी कांग्रेस?

ByNI Political,
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सिद्धू का क्या करेगी कांग्रेस?
नवजोत सिंह सिद्धू कांग्रेस के गले की हड्डी साबित हो रहे हैं। उन्हें न तो निगलते बन रहा है और न उगलते। कांग्रेस ने उन्हें राज्य के सबसे बड़ी जाट सिख नेताओं में से एक कैप्टेन अमरिंदर सिंह के विकल्प के तौर पर आगे किया। इसलिए अभी कांग्रेस एक झटके में उनको न अध्यक्ष पद से हटा सकती है और न पार्टी से निकाल सकती है। दूसरी ओर कांग्रेस ने पंजाब में पहली बार दलित मुख्यमंत्री बना कर 33 फीसदी के करीब दलित वोट अपने साथ करने का दांव चला तो सिद्धू उस दांव को फेल करने में लग गए हैं। सिद्धू लगातार मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के खिलाफ हमलावर हैं। पहले तो उन्होंने चन्नी को अपने हिसाब से चलाने का प्रयास किया लेकिन जब चन्नी ने उनका हाथ झटक दिया तो नाराज होकर चन्नी को फेल करने में लग गए। Punjab congress political crisis

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कांग्रेस के पास अब इतना समय नहीं बचा है कि वह जाट सिख राजनीति को किसी नए चेहरे से साधने की कोशिश करे। कैप्टेन पहले से नाराज हैं और अगर सिद्धू भी नाराज हुए या पार्टी से निकले तो जो भी थोड़ा-बहुत जाट सिख कांग्रेस को मिलता रहा है वह भी खत्म हो जाएगा। कांग्रेस की दूसरी मुश्किल यह है कि उसके पास कोई फुल टाइम प्रभारी नहीं है। अभी तक कांग्रेस ने हरीश रावत को ही प्रभारी बना रखा है, जिनके ऊपर उत्तराखंड में भी कांग्रेस को चुनाव लड़ाने की जिम्मेदारी है। वे वहां के चुनाव अभियान समिति के प्रमुख हैं। खबर थी कि राजस्थान के रहने वाले हरीश चौधरी को प्रभारी बनाया जाएगा पर मुश्किल यह है कि राजस्थान के डॉक्टर रघु शर्मा को हाल ही में गुजरात का प्रभारी बनाया गया है और जितेंद्र सिंह पहले से असम के प्रभारी हैं। इसलिए राजस्थान के एक और नेता को पंजाब जैसे अहम राज्य का प्रभारी बनाने में दुविधा है। बहरहाल, जो हो कांग्रेस के नेताओं को सिदधू ने मुश्किल में डाला हुआ है। Punjab congress political crisis
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