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कैप्टेन के खिलाफ राहुल के लोगों की बगावत

ByNI Political,
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कैप्टेन के खिलाफ राहुल के लोगों की बगावत
पंजाब में अगले साल चुनाव होने वाले हैं और कांग्रेस का हर नेता यह माने बैठा है कि राज्य में कांग्रेस सरकार की वापसी हो रही है। केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के आंदोलन, भाजपा-अकाली दल के अलग होने, आम आदमी पार्टी की कमजोरी और स्थानीय निकाय चुनावों में कांग्रेस को मिली भारी-भरकम जीत से मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह तो इतने भरोसे में हैं कि उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने का इरादा छोड़ दिया और अभी से अपने रास्ते में आने वाली सारी चुनौतियों को निपटाना शुरू कर दिया। उनकी नजर में सबसे बड़ी चुनौती नवजोत सिंह सिद्धू हैं, जिनके पीछे मुख्यमंत्री खुद भी पड़े हैं और उनके करीबी भी पड़े हैं। यह बात फैलाई जा रही है कि वे आप में जा सकते हैं। ध्यान रहे सिद्धू सीधे राहुल और प्रियंका से बात करते हैं और दोनों चाहते हैं कि उन्हें राज्य में अहम जिम्मेदारी मिले। पर कैप्टेन इसके लिए राजी नहीं हैं। सो, सिद्धू ने पार्टी आलाकमान की इच्छा से कैप्टेन के खिलाफ बगावत किया है। उन्होंने आम आदमी पार्टी में जाने की अटकलों को साबित करने की कैप्टेन को चुनौती दी है। उधर राहुल गांधी के एक दूसरे करीबी नेता और राज्यसभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा अलग अमरिंदर सिंह को चुनौती दी है। बाजवा ने गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी और संगत पर गोली चलाने वालों को पकड़ने के लिए 45 दिन का समय दिया है। उन्होंने कहा है कि अगर कैप्टेन की सरकार 45 दिन में दोषियों को नहीं पकड़ती है तो वे कुछ भी करने के लिए स्वतंत्र हैं। बाजवा ने कहा है कि 45 दिन के बाद वे भी स्वतंत्र हैं और कैप्टेन की आजाद हैं। यह राहुल के करीबी नेता का खुला ऐलान है। सो, जैसे जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है पंजाब की राजनीति दिलचस्प होती जा रही है।
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