कांग्रेस पार्टी की सोमवार को हुआ कार्य समिति की बैठक में बताया जा रहा है कि पार्टी की नेता रजनी पाटिल ने तेलंगाना में हुई राहुल गांधी की रैली की जम कर तारीफ की और कहा कि यह ऐतिहासिक रैली थी। सचमुच राहुल की तेलंगाना रैली बहुत सफल रही थी। रजनी पाटिल ने इसका हवाला देते हुए कहा कि अगर इस तरह की रैलियां ज्यादा होतीं तो कांग्रेस पार्टी को चिंतन शिविर की जरूरत नहीं पड़ती। पता नहीं कांग्रेस नेताओं ने उनकी इस बात को किस अंदजा में लिया लेकिन कांग्रेस के फिर अपने पैरों पर खड़े होने का रास्ता यहीं है।
बताया जा रहा है कि उन्होंने हर राज्य में इस तरह की रैली करने का सुझाव दिया। कांग्रेस को इस सुझाव पर गंभीरता से अमल करना चाहिए। एक रैली कई तरह से पार्टी और संगठन को मजबूत करती है। पार्टी के सोए कार्यकर्ताओं में इससे जान आती है। लेकिन यह तब होगा, जब शीर्ष नेतृतव खुद 24 घंटे राजनीति के काम में उतरेगा और हार्डकोर राजनीति करेगा। बंद कमरे में रणनीति बनाने से न राजनीति होती है और न चुनाव जीते जाते हैं। कांग्रेस जितनी जल्दी इस बात को समझे और हार्डकोर राजनीति में उतरे उसके लिए उतना अच्छा होगा।
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