संसद का बजट सत्र समाप्त हो गया। गुरुवार को आखिरी दिन भी संसद के दोनों सदनों में हंगामा हुआ और कामकाज बाधित हुआ। उसके बाद संसद को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। इस सत्र में कुछ बहुत दिलचस्प बातें हुई हैं, जिनमें से एक यह है कि पहली बार ऐसा हुआ है कि सत्तापक्ष ने संसद नहीं चलने दी। पूरे दो हफ्ते तक संसद में विपक्ष के साथ साथ सत्तापक्ष का भी हंगामा चलता रहा, जिसकी वजह से किसी दिन तीन मिनट में तो किसी दिन पांच मिनट में और किसी दिन नौ मिनट में संसद स्थगित होती रही। राहुल गांधी के लंदन में दिए भाषण को देश का अपमान बता कर भाजपा ने उन माफी मांगने का दबाव बनाया और इस नाम पर 13 मार्च से 22 मार्च तक सत्र नहीं चलने दिया।
दूसरी दिलचस्प और रिकॉर्ड बनाने वाली बात यह रही कि पहली बार ऐसा हुआ कि कोई दो हफ्ते तक सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस के सांसद काले कपड़ों में संसद आते रहे और राहुल गांधी की सदस्यता खत्म किए जाने का विरोध करते रहे। दोनों सदनों में कांग्रेस के 80 से ज्यादा सांसद हैं और 23 मार्च से हर दिन लगभग सभी सांसद काले कपड़ों में संसद आते थे और नारेबाजी करते थे। तीसरी रिकॉर्ड बनाने वाली बात यह रही है कि लंबे अरसे के बाद ऐसा हुआ कि संसद के दोनों सदनों में लगातार हंगामा हुआ और कार्यवाही नहीं चली। हंगामे के बीच ही सरकार ने बजट वगैरह पास कराए लेकिन बहस नहीं हुई। इसके बावजूद संसद का सत्र पूरे समय चला। सोचें, इससे पहले के शीतकालीन सत्र या मॉनसून सत्र या पिछले साल के बजट सत्र के बारे में। इनमें कामकाज हो रहा था और उत्पादकता सौ फीसदी के करीब थी फिर भी ये सत्र समय से पहले स्थगित हुए। लेकिन इस बार कोई कामकाज नहीं हो रहा था, सिर्फ हंगामा हो रहा था फिर भी सत्र पूरे समय चला।