बिहार में वामपंथी पार्टियों ने ऐलान कर दिया है कि वे महागठबंधन के साथ मिल कर लड़ेंगे। अभी सीपीआई और सीपीएम ने यह घोषणा की है। इन दोनों के मुकाबले ज्यादा बड़ी ताकत सीपीआई एमएल की है, जिसके नेता दीपांकर भट्टाचार्य हैं। उन्होंने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं। मध्य बिहार के इलाके में उनकी पार्टी की अच्छी पकड़ है और अगर वे राजद के साथ तालमेल करते हैं तो एक बड़ा वोट बैंक महागठबंधन से जुड़ सकता है। तभी ऐसा लग रहा है कि राजद के नेता दूसरी प्रादेशिक पार्टियों के साथ तालमेल की बात करने से पहले लेफ्ट से चर्चा कर रहे हैं।
राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने दोनों वामपंथी पार्टियों के साथ बैठक की, जिसके बाद दोनों पार्टियों ने महागठबंधन में जाने का ऐलान किया। इसका यह अर्थ निकाला जा रहा है कि राजद और लेफ्ट के बीच सीटों को लेकर भी मोटे तौर पर सहमति बन गई है। यह तय करने के बाद अब उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा और मुकेश साहनी की पार्टी वीआईपी से बात होगी। ध्यान रहे जीतन राम मांझी की पार्टी हम महागठबंधन से अलग हो गई है। इसके बावजूद राजद, कांग्रेस, रालोसपा, वीआईपी और वामपंथी पार्टियों के बीच सीटों का बंटवारा आसान नहीं होगा।
राजद को लेफ्ट से एलायंस बनाना है
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