असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा भाजपा में नया मुल्ला हैं इसलिए ज्यादा प्याज खा रहे हैं या पार्टी में ही उनको हिंदुत्व के नए ब्रांड के तौर पर आगे बढ़ाया जा रहा है। इसलिए गुजरात में उन्होंने हर शहर में आफताब पैदा होने का डर दिखाया, पाकिस्तान का जिक्र किया और अब राहुल गांधी की दाढ़ी वाली शक्ल पर तंज करते हुए कहा कि उनका चेहरा सद्दाम हुसैन की तरह होता जा रहा है। सद्दाम से राहुल की तुलना उन्होंने सिर्फ इस वजह से की है क्योंकि सद्दाम हुसैन मुसलमान थे। इसलिए वे उनसे तुलना करके राहुल और कांग्रेस को मुसलमानों जैसा या मुस्लिमपरस्ती करने वाला बताना चाह रहे थे। अगर गुण दोष के आधार पर करें तो पता नहीं हिमंता सरमा जानते हैं या नहीं लेकिन यह हकीकत है कि सद्दाम हुसैन भारत के परम मित्र थे।
सद्दाम ने हर मंच पर भारत का साथ दिया था। जब इस्लामिक देशों के अंतरराष्ट्रीय संगठन ने कश्मीर पर प्रस्ताव पास किया था तब इराक के तत्कालीन राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन इकलौते नेता थे, जिन्होंने इसका विरोध किया था और कश्मीर पर भारत की लाइन का समर्थन किया था। बांग्लादेश युद्ध के समय भी सद्दाम ने भारत का साथ दिया था। इतना ही नहीं जब बाबरी मस्जिद टूटी थी और समूचे इस्लामिक जगत में प्रदर्शन हो रहे थे तब सद्दाम ने इराक में इस मसले पर एक भी प्रदर्शन नहीं होने दिया था। उन्होंने भारत को हमेशा रियायती दाम पर तेल दिए थे और भारत की कंपनियों को हजारों करोड़ रुपए के ठेके दिए थे। इसलिए सद्दाम न भारत विरोधी थे और न हिंदू विरोधी थे
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