जैसे जैसे विपक्ष का नेता बनने की अरविंद केजरीवाल की कोशिश आगे बढ़ रही है वैसे वैसे उन पर भाजपा का हमला भी तेज हो रहा है। साथ ही केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई में भी तेजी आ रही है। ऐसा लग रहा है कि पार्टी और दिल्ली सरकार में उनके नंबर दो रहे मनीष सिसोदिया को जेल में डालने के बाद अब केंद्रीय एजेंसियों का निशाना संजय सिंह पर है। ध्यान रहे आम आदमी पार्टी में संजय सिंह और गोपाल राय ही ऐसे नेता हैं, जिनका राजनीतिक अतीत रहा है। वे लंबे समय से राजनीति करते रहे हैं। इनमें भी संजय सिंह ही ज्यादा सक्रिय राजनीति करते हैं और संसद में व संसद से बाहर विपक्षी पार्टियों से तालमेल करने से लेकर भाजपा पर हमला करने का काम उन्हीं के जिम्मे रहता है। अगर वे किसी मामले में फंसते हैं तो आप की राजनीतिक योजना पंक्चर होगी।
तभी कहा जा रहा है कि उनके खिलाफ राजनीतिक और सरकारी अभियान में तेजी आई है। एक तरफ सोशल मीडिया में उनके राजनीतिक अतीत को लेकर बदनाम किया जा रहा है। उन्हें सिनेमा हॉल के बाहर टिकट ब्लैक करने वाला बताया जा रहा है। दूसरी ओर केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई तेज हो रही है। पहले प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी के आरोपपत्र में उनका संदर्भ आया था तब संजय सिंह ने कानून पहल की थी, जिसके बाद एजेंसी ने कहा था कि उनका नाम गलती से आ गया। लेकिन उसके बाद ईडी ने उनके करीबियों सर्वेश मिश्रा और अजीत त्यागी पर छापा मारा और उसके बाद कहा जा रहा है कि उनसे पूछताछ के आधार पर एक बार फिर ईडी के आरोपपत्र में संजय सिंह का नाम शामिल किया जा सकता है। बताया जा रहा है कि एक कारोबारी अमित अरोड़ा ने ईडी की पूछताछ में कहा है कि मनीष सिसोदिया के यहां हुई मीटिंग में संजय सिंह भी मौजूद थे।