भारत में एक परंपरा रही है कि मौजूदा प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री के नाम से योजनाएं नहीं शुरू की जाती हैं और न स्मारक आदि बनते हैं और न मूर्तियां बनाई जाती हैं। हालांकि इसके कुछ अपवाद भी हैं, जैसे मायावती ने अपनी मूर्तियां बनवाईं और नरेंद्र मोदी के नाम पर स्टेडियम भी बना है। लेकिन आमतौर पर ऐसा नहीं होता है। इसलिए पिछली सरकारें अपने पुराने नेताओं के नाम से योजनाएं शुरू करती थीं। जैसे मनमोहन सिंह की सरकार के समय जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा और राजीव गांधी के नाम से योजनाएं शुरू हुईं। अटल बिहारी वाजपेयी के समय दीनदयाल उपाध्याय, श्यामा प्रसाद मुखर्जी आदि के नाम पर योजनाएं चलीं या इमारतों और सड़कों के नाम रखे गए। PM Narendra Modi BJP
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने इसमें एक नया ट्विस्ट डाल दिया है। अब सारी योजनाएं प्रधानमंत्री के नाम से होती हैं। उसमें मौजूदा प्रधानमंत्री का नाम नहीं होता है लेकिन योजनाएं प्रधानमंत्री की होती हैं। उससे पहले प्रचार के जरिए पूरे देश में यह स्थापित किया गया कि प्रधानमंत्री मतलब नरेंद्र मोदी। यह प्रचार करने में अदालत के एक आदेश से भी सरकार को फायदा हुआ, जिसमें कहा गया था कि सरकारी पोस्टर और होर्डिंग्स पर सिर्फ प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की फोटो लगेगी। सो, पूरे देश में पोस्टर, होर्डिंग्स, अखबारों के विज्ञापन और टेलीविजन चैनलों पर 24 घंटे चलने वाली खबरों से बच्चे बच्चे तक यह बात पहुंचाई गई कि प्रधानमंत्री मतलब नरेंद्र मोदी। नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री का पर्याय बन गए।
सारी योजनाएं पीएम यानी मोदी की
और पढ़ें
-
कोर्ट में केजरीवाल ने खुद दी दलील
नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को राउज एवेन्यू की विशेष अदालत में अपनी दलीलें खुद दीं और अदालत...
-
केजरीवाल को सीएम से हटाने की याचिका खारिज
नई दिल्ली। एक तरफ राउज एवेन्यू का विशेष अदालत ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को चार दिन के लिए...
-
छह सौ वकीलों ने चीफ जस्टिस को चिट्ठी लिखी
नई दिल्ली। देश की शीर्ष न्यायपालिका में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। देश के कुछ जाने माने वकीलों के...
-
चिट्ठी के बहाने कांग्रेस पर मोदी का हमला
नई दिल्ली। देश के कुछ जाने माने वकीलों के साथ छह सौ वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई...