शीला दीक्षित के निधन के बाद उनके करीबी नेता हाशिए में चले गए थे। कांग्रेस की राजनति में उनकी पूछ घटी थी। उनके बेटे और पूर्व सांसद संदीप दीक्षित भी अपने गैर सरकारी संगठन के कामकाज में ज्यादा ध्यान देने लगे थे। लेकिन अब उनकी टीम नए सिरे से सक्रिय हो गई है।
माना जा रहा है कि महासचिव पद से अजय माकन के इस्तीफे के बाद माकन के करीबी कमजोर हुए हैं। ऊपर से नगर निगम चुनाव में कांग्रेस की जैसी दुर्दशा हुई है उसके बाद पार्टी के पुराने नेताओं की पूछ बढ़ी है। पिछले कुछ दिन से संदीप दीक्षित भी सक्रिय हुए हैं।
हालांकि उनकी सक्रियता सोशल मीडिया में ही ज्यादा है लेकिन उनके सक्रिय होने से शीला दीक्षित के पुराने लोग भी सामने आए हैं।
संदीप दीक्षित के साथ मंगतराम सिंघल और किरण वालिया ने पिछले दिनों दिल्ली के उप राज्यपाल को एक ज्ञापन दिया, जिसमें उन्होंने कहा है कि दिल्ली सरकार की फीडबैक यूनिट के मामले में देशद्रोह का मामला दर्ज किया जाना चाहिए। उन्होंने दिल्ली सरकार के शीर्ष मंत्रियों की देशद्रोह कानून के तहत जांच कराने की मांग की। साथ ही गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून यानी यूएपीए के तहत भी मुकदमा दर्ज करने की मांग की। उप राज्यपाल को इस मांग में मेरिट दिखा और उन्होंने इसके आदेश दे दिए।
गौरतलब है कि संदीप शीला दीक्षित के बेटे हैं और मंगतराम सिंघल व किरण वालिया उनकी सरकार में मंत्री रहे थे। ये सब नेता काफी समय से हाशिए में हैं। कहा जा रहा है कि कई और पुरानेनेता दिल्ली की राजनीति में संभावना देख रहे हैं और सक्रिय होने वाले हैं।