कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को फिर से पार्टी का अध्यक्ष बनाने का खेल शुरू हो गया है। अभी अध्यक्ष पद के लिए चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है और न राहुल ने खुल कर यह कहा है कि वे फिर से अध्यक्ष पद संभालने के लिए तैयार हैं पर यह संकेत मिलने लगा है कि सोनिया गांधी एक बार फिर उनको अध्यक्ष बनाने जा रही हैं। कांग्रेस पार्टी के नेता तो डंके की चोट पर इसका दावा कर रहे थे। पार्टी के महासचिव और मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि पार्टी के 99 फीसदी नेता चाहते हैं कि राहुल फिर से अध्यक्ष बनें। अब कांग्रेस की सबसे नई सहयोगी शिव सेना ने भी राहुल को अध्यक्ष घोषित कर दिया है।
हैरानी की बात है कि एक महीने पहले ही एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने राहुल गांधी पर सवाल उठाते हुए कहा था कि उनकी राजनीति में निरंतरता की कमी है। उनके इस बयान के तुरंत बाद शिव सेना ने उनका समर्थन किया था और बाद में तो शिव सेना ने कांग्रेस के मौजूदा नेतृत्व को बहुत लचर बताते हुए यह भी कहा था कि शरद पवार को आगे बढ़ कर यूपीए की कमान संभालनी चाहिए। शिव सेना का कहना था कि नरेंद्र मोदी के सामने कांग्रेस नेतृत्व बहुत कमजोर है और उस वजह से समूचा विपक्ष कमजोर हो गया है।
लेकिन अब शिव सेना ने यू-टर्न ले लिया है। अब उसने अचानक राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने का ऐलान कर दिया है। शिव सेना ने यह भी कहा है कि राहुल बहुत मजबूत नेता है और दिल्ली की सत्ता में बैठे लोग उनसे डरते हैं। सोचें, एक महीने पहले तक कांग्रेस नेतृत्व बेहद कमजोर था और सोनिया-राहुल किसी हाल में मोदी का विकल्प नहीं थे। लेकिन अब राहुल बहुत मजबूत हो गए हैं और दिल्ली की सत्ता उनसे डरने लगी है। यह गठबंधन सरकार की मजबूरियां हैं, जो हर पार्टी को झेलनी पड़ती है।
बहरहाल, शिव सेना ने अपने मुखपत्र सामना में राहुल की खूब तारीफ की है। पार्टी ने यह नहीं कहा है कि वे बहुत उपयुक्त हैं और इसलि उनको अध्यक्ष बनना चाहिए, बल्कि यह कहा है कि वे फिर से कांग्रेस अध्यक्ष बन रहे हैं और यह बहुत अच्छी बात है। शिव सेना ने यह बात इस अंदाज में कही है, जैसे उसको पता हो कि राहुल अध्यक्ष बन रहे हैं। उनके बधाई देने के अंदाज में शिव सेना ने यह बात कही है और बतौर कांग्रेस अध्यक्ष उनका स्वागत किया है। ध्यान रहे शिव सेना सबसे नया गठबंधन सहयोगी है और जब उसने राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने का स्वागत किया है तो यूपीए के बाकी पुराने घटक दल तो पहले से ही चाहते थे कि गांधी-नेहरू परिवार का ही कोई सदस्य कांग्रेस की कमान संभाले। सो, अब साफ दिख रहा है कि राहुल गांधी ही कांग्रेस अध्यक्ष बनेंगे। उनके निर्विरोध निर्वाचन की प्रक्रिया जल्दी ही पूरी की जाएगी। पिछली बार उन्होंने डेढ़ साल में ही अध्यक्ष पद छोड़ दिया था लेकिन इस बार वे अपनी मां सोनिया गांधी की तरह लंबे समय के लिए अध्यक्ष पद संभालेंगे।