प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भले अभी तक कर्नाटक में चुनाव प्रचार नहीं किया है लेकिन वे दक्षिण भारत के राज्यों में पूरा जोर लगा रहे हैं। कर्नाटक में चुनाव की घोषणा के बाद वे तमिलनाडु गए और अभी दो दिन का केरल का दौरा पूरा किया। कर्नाटक में विधानसभा चुनाव की घोषणा 29 मार्च को हुई थी उसके बाद आठ अप्रैल को प्रधानमंत्री तमिलनाडु गए थे, जहां उन्होंने रोड शो किया और हजारों करोड़ रुपए की योजनाओं की घोषणा की। उसी दिन वे हैदराबाद भी गए और कई परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास किया। मोदी 24 अप्रैल को केरल पहुंचे, जहां शाम में उन्होंने कोच्चि में पैदल रोड शो किया। अगले दिन यानी 25 अप्रैल को उन्होंने पहली वाटर मेट्रो को हरी झंडी दिखाई और कई अन्य बड़ी परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास किया। इसके बाद वे कर्नाटक में प्रचार के लिए जाएंगे।
इसी तरह अमित शाह तो लगातार कर्नाटक में प्रचार कर रहे हैं लेकिन उन्होंने दक्षिण के दूसरे राज्य तेलंगाना पर भी फोकस किया है। वे रविवार को तेलंगाना में थे और वहां मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव पर मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगा कर वादा किया कि भाजपा की सरकार बनी तो वह मुस्लिम आरक्षण खत्म कर देगी। इस तरह अप्रैल के महीने में प्रधानमंत्री तीन दक्षिणी राज्यों- तमिलनाडु, तेलंगाना और केरल के दौरे पर गए। दक्षिण भारत के इन राज्यों में भाजपा हाशिए की पार्टी है। माना जा रहा है कि अगले लोकसभा चुनाव में उत्तर, पश्चिम और पूर्वी राज्यों में भाजपा को कुछ सीटों के नुकसान का अंदेशा है, जिसकी भरपाई दक्षिण से करने की कोशिश हो रही है। इसके अलावा भाजपा तेलंगाना में सरकार बनाने की वास्तविक संभावना भी देख रही है। तभी दोनों शीर्ष नेता दक्षिण में ज्यादा जोर लगा रहे हैं।