भारतीय जनता पार्टी पंजाब में अपना स्वतंत्र राजनीतिक अस्तित्व बनाने के प्रयास में लगी है। अपनी पुरानी सहयोगी अकाली दल से तालमेल समाप्त करने के बाद से ही पार्टी इस प्रयास में लगी है। भाजपा को लग रहा था कि कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह के जरिए वह अपनी ताकत बढ़ा सकती है। लेकिन विधानसभा चुनाव में उसको कैप्टेन का ज्यादा लाभ नहीं मिला। अब उन्होंने अपनी पार्टी का विलय भाजपा में कर दिया है और भाजपा ने उनको राष्ट्रीय कार्यसमिति का सदस्य बनाया है। उनके साथ साथ उनके पुराने सहयोगी और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहे सुनील जाखड़ को भी राष्ट्रीय कार्यसमिति में शामिल किया गया है। उनकी सरकार में मंत्री रहे राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति के विशेष आमंत्रित सदस्य बने हैं।
इतना ही नहीं पंजाब में भाजपा की प्रदेश कमेटी में थोक के भाव पुराने कांग्रेसी नेता शामिल किए गए हैं। कैप्टेन अमरिंदर सिंह की बेटी जय इंदर कौर को प्रदेश कमेटी में उपाध्यक् बनाया गया है। उनके साथ साथ कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में शामिल हुए चार और नेताओं- राजकुमार वेरका, केवल सिंह ढिल्लों, फतेहजंग बाजवा और अरविंद खन्ना को भी पार्टी की प्रदेश कमेटी का उपाध्यक्ष बनाया दगया है। कांग्रेस छोड़ने वाले कई अन्य नेताओं को प्रदेश में सचिव बनाया गया है। कैप्टेन अमरिंदर सिंह की पत्नी परनीत कौर ने सांसदी जाने के डर से अभी कांग्रेस नहीं छोड़ी है। लेकिन अगले चुनाव से पहले वे भी कांग्रेस छोड़ेगी और भाजपा में शामिल होंगी। सो, ऐसा लग रहा है कि भाजपा प्रदेश में पुराने कांग्रेसी नेताओं के सहारे अपने को मजूबत कर रही है ताकि अकाली दल से फिर से तालमेल हो तो भाजपा एकदम छोटी सहयोगी न रहे।