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पवार की विचारधारा वाली बात पर हैरानी

ByNI Political,
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पवार की विचारधारा वाली बात पर हैरानी
एनसीपी के सुप्रीमो शरद पवार 12 दिसंबर को 80 साल के हुए तो उन्होंने कई जगह इंटरव्यू दिए। इसी में एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि किसी भी नेता को विचारधारा से समझौता नहीं करना चाहिए। सोचें, शरद पवार ने विचारधारा की बात कही! इससे सबसे ज्यादा हैरानी महाराष्ट्र की उनकी सहयोगी पार्टी शिव सेना को हुई। शिव सेना के नेता समझ नहीं पाए कि पवार ने उद्धव ठाकरे के लिए तो यह बात नहीं कही है। आखिर दशकों तक हिंदुत्व की राजनीति करते  रहने के बाद ठाकरे की पार्टी ने एकदम से विचारधारा बदल कर कांग्रेस और एनसीपी के साथ तालमेल कर लिया! बहरहाल, सोशल मीडिया में यह सवाल भी उठा कि आखिर शरद पवार की विचारधारा क्या है? पुरानी बातों को छोड़ें, जब वे बार बार पार्टी बनाते और बदलते थे तब भी पिछले दो दशक में उन्होंने कितना बार विचारधारा बदली। पवार ने सोनिया गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद कांग्रेस पार्टी तोड़ कर अलग एनसीपी बनाई थी। इसके एक साल बाद ही कांग्रेस से तालमेल कर लिया और 1999 से 2014 तक 15 साल महाराष्ट्र सरकार में और 2004 से 2014 तक केंद्र सरकार में कांग्रेस के साथ रहे। फिर 2014 में बाहर से समर्थन देकर महाराष्ट्र में भाजपा की सरकार बनवा दी। 2019 के चुनाव के बाद कांग्रेस को साथ लेकर शिव सेना के साथ सरकार बना ली। जब वे अपनी पार्टी बना कर महाराष्ट्र में कांग्रेस के साथ सरकार चलवा रहे थे तब केंद्र की भाजपा सरकार ने उनको राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का अध्यक्ष बना कर कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया था। वे विचारधारा से ही सर्वदलीय हैं।
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