हिंदी फिल्मों के अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत की जांच में केंद्र सरकार की तीन एजेंसियां लगी हुई हैं। पहले सीबीआई को मौत के मामले की जांच सौंपी गई और फिर सुशांत के पिता की ओर से अपने बेटे के खाते से 15 करोड़ रुपए की हेराफेरी के आरोपों के हवाले प्रवर्त्तन निदेशालय यानी ईडी को भी जांच में लगा दिया गया। इन दोनों की जांच में पता नहीं क्या निकलेगा पर उससे पहले ही रकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो यानी एनसीबी को जांच में लगा दिया गया और अभी तक जो कार्रवाई हुई है या गिरफ्तारियां हुई हैं वह इसी एजेंसी ने की हैं।
अगर मीडिया में चल रह हाइपर प्रचार को मानें तो मुंबई पुलिस ने शुरुआती जांच में मामले को दबा दिया, सबूत मिटा दिए क्योंकि इसमें महाराष्ट्र की राजनीति का नंबर एक परिवार यानी उद्धव ठाकरे का परिवार फंस सकता है। कई मीडिया चैनलों ने नाम लेकर उद्धव और उनके बेटे आदित्य ठाकरे को चुनौती दी। सुशांत की मौत से पहले उनके साथ काम कर चुकी दिशा सालियान की मौत से भी ठाकरे परिवार के लोगों का नाम जोड़ा गया। तभी तीनों एजेंसियों की जांच पर देश भर की नजर है।
इस बीच खबर है कि अब आय कर विभाग को भी उद्धव और आदित्य ठाकरे के खिलाफ जांच का काम मिलने वाला है। असल में चुनाव आयोग ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड, सीबीडीटी से कहा है कि वह पिछले चुनाव में उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे की ओर से दायर किए गए हलफनामे की जांच कराए। आयोग का कहना है कि सीबीडीटी दोनों पिता-पुत्र की ओर से अपनी संपत्ति और उधारियों को लेकर जो सूचना दायर की गई है उसकी जांच की जाए।
उद्धव और आदित्य ठाकरे के साथ साथ इसमें एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले का नाम भी शामिल किया गया है। उनके हलफनामे की जांच करने को भी आय कर विभाग ने कहा है। गौरतलब है कि आय कर विभाग ने कुछ समय पहले ही यह फैसला किया है कि किसी उम्मीदवार के हलफनामे में दायर की गई सूचना को लेकर कोई शिकायत मिलती है तो वह शिकायतकर्ता को अदालत जाने देने की सलाह देने की बजाय खुद उसकी जांच कराएगी। इस फैसले के बाद संभवतः पहला हाई प्रोफाइल मामला ठाकरे पिता-पुत्र और सुप्रिया सुले का है।
ध्यान रहे महाराष्ट्र में शिव सेना के नेतृत्व में महाविकास अघाड़ी सरकार बनाने में शरद पवार की भूमिका सबसे अहम है। बहरहाल, केंद्र की तीन एजेंसियां परोक्ष रूप से ठाकरे परिवार की जांच कर रही है पर यह चौथी एजेंसी सीधे जांच करेगी। अब ले देकर केंद्र सरकार के पास एक राष्ट्रीय जांच एजेंसी, एनआईए बची है। कई लोग सुशांत मामले में दुबई और दाउद इब्राहिम कनेक्शन की बात कर रहे हैं। उन्हीं बातों के हवाले अगर एनआईए को भी जांच में शामिल करा दिया जाए तो चक्र पूरा हो जाए।
मुंबई तमाशे में अब आयकर विभाग भी!
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