भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर तमिलनाडु की मुख्य विपक्षी पार्टी अन्ना डीएमके में सुलह कराएगी। इससे पहले भाजपा ने ही पार्टी के दोनों गुटों- ई पलानीस्वामी और ओ पनीरसेल्वम के बीच समझौता कराया था। उस समय वीके शशिकला जेल में थीं। अब वे जेल से बाहर हैं और उनका भी एक गुट है। इस तरह अन्ना डीएमके में अब चार गुट हो गए हैं। पलानीस्वामी, पनीरसेल्वम, शशिकला और टीटीवी दिनाकरण का। भाजपा का प्रयास इन चारों को साथ लाकर एक मजबूत गठबंधन बनाना है ताकि अगले लोकसभा चुनाव में डीएमके को रोका जा सके। ध्यान रहे 2019 के चुनाव में डीएमके गठबंधन को राज्य की 39 में से 38 सीटें मिली थीं। भाजपा के लिए यह बड़ी चिंता की बात है। या तो अन्ना डीएमके मजबूती से लड़े या फिर भाजपा को ऐसा प्रयास करना होगा कि डीएमके उसका समर्थन करे।
बहरहाल, पिछले दिनों जी-20 देशों की अध्यक्षता भारत को मिलने के बाद इस सम्मेलन की तैयारियों पर विचार के लिए सभी पार्टियों की एक बैठक हुई थी। उसमें केंद्र सरकार की ओर से अन्ना डीएमके के प्रतिनिधि के तौर पर पलानीस्वामी को बुलाया गया था। इससे पनीरसेल्वम खेमा नाराज हुआ है। ध्यान रहे इन दोनों खेमों में से पनीरसेल्वम खेमा ही भाजपा का करीबी माना जाता है। फिर भी उसकी बजाय पलानीस्वामी को बुलाने का खास मकसद है। पार्टी उनको तैयार कर रही है कि वे किसी तरह से फिर सभी खेमों को साथ लेकर राजनीति करें। जब सारे खेमे मिल कर लड़ेंगे तभी डीएमके गठबंधन को चुनौती होगी।