
राहुल गांधी के चुने और प्रमोट किए गए एक और नेता बागी हो गए हैं। करीब छह साल तक प्रदेश अध्यक्ष के पद पर रहने के बाद हटाए गए अशोक तंवर ने पार्टी तो पहले ही छोड़ी थी अब उन्होंने जननायक जनता पार्टी के नेता दुष्यंत चौटाला को अपना समर्थन दे दिया है। उन्होंने खुल कर कहा है कि उनका मकसद कुछ लोगों को सबक सिखाना है। कुछ लोगों से उनका मतलब भूपेंदर सिंह हुड्डा और उनके परिवार से है। हुड्डा के साथ उनका टकराव पिछले कई सालों से चल रहा था और सब जानते हैं कि उन्हें हुड्डा की वजह से बदला गया है।
उनको पता है कि जाट राजनीति में हुड्डा और उनके परिवार के मुकाबले अब ओमप्रकाश चौटाला की पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल की हैसियत नहीं रह गई है। चौटाला के पोते दुष्यंत चौटाला के प्रति जरूर राज्य के जाटों में एक रूझान है। उनको लग रहा है कि देवीलाल और ओमप्रकाश चौटाला की राजनीति का असली वारिस दुष्यंत हैं। इसलिए तंवर ने उनको समर्थन दिया है। उनको लग रहा है कि तंवर के उम्मीदवार को अगर वे अपने दम पर कुछ दलित वोट दिला सके तो जाटलैंड में हुड्डा की राजनीति कमजोर होगी। हालांकि अपने असर वाले इलाके में हुड्डा को वे कोई नुकसान पहुंचा पाएंगे, इसमें संदेह है।