महाराष्ट्र में राजनीतिक समीकरण बदल रहा है। शिव सेना के उद्धव ठाकरे गुट का भरोसा एनसीपी पर कम हो रहा है। ऐसा लग रहा है कि एनसीपी के नेता अजित पवार की राजनीति ने ठाकरे गुट की शिव सेना के नेताओं को आशंकित किया है। पिछले दिनों अजित पवार को नागपुर से मुंबई जाने के लिए सरकार ने अपना जहाज मुहैया कराया था। उससे पहले नागपुर में रहे विधानसभा सत्र में अजित पवार पूरे समय सरकार के प्रति नरम रवैया अपनाए रहे, जबकि वे नेता प्रतिपक्ष हैं। तभी स्पीकर राहुल नार्वेकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आया तो उसमें अजित पवार को नहीं शामिल किया गया। खुद पवार ने माना भी कि उनको इस प्रस्ताव के बारे में जानकारी नहीं थी।
बताया जा रहा है कि शिव सेना को इस समय कांग्रेस की ज्यादा जरूरत है और उसके कांग्रेस पर भरोसा या उम्मीद भी है। ध्यान रहे शिव सेना के उद्धव ठाकरे गुट के लिए विधानसभा की तरह अहम चुनाव बृहन्नमुंबई महानगर निगम, बीएमसी की है। उस चुनाव में एनसीपी उसकी कोई मदद नहीं कर सकती है क्योंकि मुंबई महानगर में एनसीपी का आधार नहीं है, जबकि कांग्रेस का मजबूत आधार रहा है। सो, शिव सेना को कांग्रेस की जरूरत है। तभी संजय राउत ने ‘सामना’ में राहुल गांधी और उनकी यात्रा की तारीफ की। उन्होंने लिखा कि यात्रा से राहुल को नया ‘प्रभामंडल’ मिला है, जिससे 2024 में शक्ति संतुलन बदल सकता है। उन्होंने यह संकेत दिया कि राहुल को नेता माना जा सकता है।