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मुख्यमंत्रियों को टिकने नहीं देती है भाजपा!

ByNI Political,
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मुख्यमंत्रियों को टिकने नहीं देती है भाजपा!
नरेंद्र मोदी और अमित शाह की कमान वाली भारतीय जनता पार्टी बदल गई है। अब वह पुरानी कांग्रेस की तरह काम करती है, जिसमें किसी भी नेता को मजबूती से जमीन में जड़ नहीं जमाने दिया जाता था। दोनों पार्टियों की भूमिकाएं बदल गई हैं। अब कांग्रेस में प्रादेशिक क्षत्रप मजबूत हो गए हैं, जबकि भाजपा प्रदेश में किसी को इतना मजबूत नहीं होने दे रही है कि वह किसी तरह की चुनौती पेश कर सके। कुछ अपवादों को छोड़ दें तो पहले भाजपा में जो मुख्यमंत्री बन जाता था वह बना रहता था। नरेंद्र मोदी गुजरात में, शिवराज चौहान मध्य प्रदेश में, रमन सिंह छत्तीसगढ़ में, वसुंधरा राजे राजस्थान में, जो जहां बन गया वहां बना रहा या कई कई बार बना। अब ऐसा नहीं होता है। अब भाजपा बीच में ही मुख्यमंत्री बदल देती है। अगर बीच में नहीं बदलती है तो पांच साल में तो निश्चित रूप से सीएम बदल देती है। उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ और हरियाणा के मनोहर लाल खट्टर अपवाद हैं। इनके अलावा कोई मुख्यमंत्री लगातार पांच साल से ज्यादा पद पर नहीं रहा। मध्य प्रदेश के शिवराज सिंह चौहान जरूर लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे हैं लेकिन अभी वे सिर्फ ढाई साल पुराने मुख्यमंत्री हैं। नवंबर 2018 में चुनाव हार कर वे सत्ता से बाहर हो गए थे और कांग्रेस की सरकार गिराने के बाद वे मार्च-अप्रैल 2020 में फिर से सीएम बने थे। बहरहाल, पांच साल में या उससे पहले मुख्यमंत्री बदल देने का ट्रेंड हर राज्य में देखा जा सकता है। त्रिपुरा में बिप्लब देब को बतौर मुख्यमंत्री चार साल पूरा करने के तुरंत बाद पद से हटा दिया गया। गुजरात में विजय रूपानी पांच साल एक महीना और पांच दिन मुख्यमंत्री रहे। 2017 के चुनाव से एक साल पहले उनको बनाया गया था और 2022 के चुनाव से एक साल पहले हटा दिया गया। उनसे पहले नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद आनंदी बेन पटेल को सीएम बनाया गया था और दो साल में ही उनको हटा दिया गया। बाद में वे राज्यपाल बनीं। असम में सर्बानंद सोनोवाल के कामकाज में कोई कमी नहीं थी और उनकी सरकार के पांच साल के कामकाज पर भाजपा फिर चुनाव जीती लेकिन जीतने के बाद हिमंता बिस्वा सरमा को मुख्यमंत्री बनाया गया। उत्तराखंड में तो भाजपा ने पांच साल के एक कार्यकाल में तीन मुख्यमंत्री बदल दिए। त्रिवेंद्र सिंह रावत की जगह तीरथ सिंह रावत बने थे और उनकी जगह पुष्कर धामी को बनाया गया। कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार गिराने के लिए मजबूरी में बीएस येदियुरप्पा को सीएम बनाया गया था लेकिन दो साल में ही उनको हटा दिया गया। झारखंड, राजस्थान, महाराष्ट्र आदि राज्यों में जहां भाजपा सरकार नहीं बना सकी वहां उसके मुख्यमंत्री खुद ही हट गए। अब खबर है कि हिमाचल प्रदेश में पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद जयराम ठाकुर को भी फिर से मुख्यमंत्री नहीं बनाया जाएगा। हालांकि जिन मुख्यमंत्रियों को हटाया गया, सब आलाकमान के प्रति भरोसे वाले लोग थे और ज्यादातर बहुत बड़े कद के नेता भी नहीं थे फिर भी उनको हटा दिया गया। कहा जा रहा है कि केंद्रीय मंत्रियों के मामले में भी यह फॉर्मूला लगाया जाएगा।
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