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पेट्रोल वाली बात के लिए हुई थी मीटिंग!

ByNI Political,
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पेट्रोल वाली बात के लिए हुई थी मीटिंग!
कोरोना वायरस के बढ़ते केसेज पर विचार के लिए राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री की जो बैठक हुई थी उसका मुख्य मकसद क्या था? क्या उसमें कोरोना की स्थिति पर विचार किया गया और नई संभावित लहर को रोकने के उपायों पर चर्चा हुई? ऐसा कुछ नहीं हुआ और इसलिए नहीं हुआ क्योंकि ज्यादातर राज्यों में कोरोना का केसेज नहीं हैं। कई राज्य कोरोना से पूरी तरह से मुक्त हो गए हैं। उत्तर प्रदेश में भी ले-देकर एनसीपी से सटे जिलों में नए केसेज बढ़े हैं। हरियाणा में भी एनसीआर से सटे जिलों में ही। दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और केरल के अलावा ज्यादातर राज्यों में या तो केस नहीं हैं या इक्का-दुक्का केस हैं। The meeting petrol Read also प्रलय का मुहाना-4: प्यादा बनना, भंवर में फंसना! इसलिए हैरानी हुई कि प्रधानमंत्री ने इस पर विचार के लिए इस पर विचार के लिए सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई। कायदे से तीन-चार राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ ही प्रधानमंत्री की बैठक होनी चाहिए थी। पहले भी कई बार ऐसा हुआ है कि जिन राज्यों में ज्यादा केसेज थे वहां के मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री ने मीटिंग की। लेकिन इस बार सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और केंद्र शासित राज्यों के उप राज्यपालों व प्रशासकों को बुलाया गया तो ऐसा लग रहा है कि उसका मकसद पेट्रोल व डीजल पर लगने वाले वैट को लेकर राज्यों को कठघरे में खड़ा करना था। वह काम बखूबी हो गया। अब राज्य सरकारें और विपक्षी पार्टियों के नेता सफाई दे रहे हैं और केंद्र से टैक्स घटाने को कह रहे हैं लेकिन प्रधानमंत्री ने आवाम तक मैसेज पहुंचा दिया कि विपक्षी पार्टियों वाली राज्य सरकारों ने वैट में कटौती करके आम लोगों को राहत नहीं दी है, जबकि केंद्र और भाजपा शासित राज्यों ने राहत दी।
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