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त्रिपुरा में मेघालय वाली कहानी

ByNI Political,
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त्रिपुरा में मेघालय वाली कहानी
मेघालय में कांग्रेस छोड़ कर भाजपा के साथ जुड़े और एनपीपी-भाजपा सरकार को समर्थन देने वाले आधा दर्जन से ज्यादा कांग्रेस विधायक पाला बदलना चाहते हैं। उनके मामले अदालत में हैं और अदालत से बाहर भी पिछले दिनों उन्होंने प्रयास किया था कि राज्य की सरकार गिराई जाए पर ऐसा नहीं हो सका। कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में शामिल हुए कुछ नेता यहीं कहानी त्रिपुरा में दोहराना चाहते हैं। तीन साल पहले कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में शामिल हुए भाजपा विधायक सुदीप रॉय बर्मन ने मुख्यमंत्री बिप्लब देब के खिलाफ मोर्चा खोला है। बर्मन सात विधायकों के साथ दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं और उनका दावा है कि उनके साथ दो विधायक और हैं, जो कोरोना की वजह से दिल्ली नहीं आ सके। इसका मतलब है कि भाजपा के 36 में से एक चौथाई विधायकों के समर्थन से वे मुख्यमंत्री बदलने की मांग कर रहे हैं। कांग्रेस के ही एक और पुराने  नेता व भाजपा विधायक सुशांत चौधरी भी इस अभियान में शामिल हैं। मुख्यमंत्री से नाराज विधायक भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और अमित शाह से मिलना चाहते हैं। हालांकि यह मुलाकात हो नहीं रही है। इनकी मुलाकात भाजपा के संगठन महामंत्री बीएल संतोष से हुई है और बताया जा रहा है कि संतोष ने उन्हें दो टूक कह दिया है कि मुख्यमंत्री नहीं बदला जाएगा। ध्यान रहे मुख्यमंत्री बिप्लब देब को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करीबी माना जाता है। इसलिए उन्हें बदलने का सवाल ही नहीं है। वैसे भी भाजपा ने बीच कार्यकाल में मुख्यमंत्री बदलने का काम छोड़ दिया है। पर नाराज विधायक भी चुप बैठने वाले नहीं हैं।
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