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ममता की पार्टी में नाराजगी

ByNI Political,
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ममता की पार्टी में नाराजगी
ममता बनर्जी जिद पकड़ने वाली नेता हैं। इसलिए यह कहना मुश्किल है कि वे उप राष्ट्रपति के चुनाव में हिस्सा नहीं लेने का फैसला बदलेंगी या नहीं। लेकिन ऐसी खबर है कि प्रदेश में और उनकी पार्टी में इस फैसले को लेकर नाराजगी है। तृणमूल कांग्रेस के कई नेताओं ने इसका विरोध किया है। उनका कहना है कि अगर पार्टी उप राष्ट्रपति के चुनाव में नहीं शामिल होती है तो इसका यह मैसेज जाएगा कि पार्टी भाजपा का साथ दे रही है। गौरतलब है कि भाजपा ने बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को उम्मीदवार बनाया है, जिनके साथ तृणमूल कांग्रेस का पिछले तीन साल से विवाद चल रहा है। दूसरी ओर विपक्ष ने मार्गरेट अल्वा को उम्मीदवार बनाया है, जिन्होंने ममता से फैसला बदलने की अपील की है। अगर ममता की पार्टी ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया तो इसका सीधा फायदा भाजपा उम्मीदवार को मिलना है। सबको पता है कि भाजपा का उम्मीदवार जीतेगा लेकिन तृणमूल के 30 सांसदों के वोट नहीं करने से भाजपा उम्मीदवार की जीत का अंतर बढ़ेगा। प्रदेश में भाजपा इसका फायदा उठाएगी। वह बहुसंख्यक मतदाताओं में ममता के साथ होने का मैसेज बनवाएगी तो अल्पसंख्यक मतदाताओं में ममता के सरेंडर का मैसेज बनेगा। उप राष्ट्रपति चुनाव में शामिल नहीं होने के ममता के फैसले से सबसे ज्यादा नाराजगी उत्तरी बंगाल में है, जहां भाजपा ने पिछले चुनाव में बड़ी जीत हासिल की थी। वहां के नेताओं का कहना है कि अभी तृणमूल का संगठन उस हार से उबरने लगा था और वापस मजबूती आ रही थी लेकिन इस फैसले से पार्टी को नुकसान होगा और भाजपा फायदा उठाएगी।
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