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हॉकी के लिए सबसे बड़ा काम किसका?

ByNI Political,
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हॉकी के लिए सबसे बड़ा काम किसका?
Tokyo Olympics Indian Hockey  भारतीय हॉकी के लिए सबसे बड़ा काम किसने किया है और सबसे बड़ा काम कौन सा है? दो दिन पहले तक किसी को हिचक नहीं थी कि राष्ट्रीय खेल हॉकी के लिए सबसे बड़ा काम ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने किया है और सबसे बड़ा काम यह है कि उन्होंने पुरुष और महिला हॉकी टीम को स्पांसर किया। हॉकी के लिए डेढ़ सौ करोड़ रुपए का प्रावधान किया। खिलाड़ियों के लिए सारे साधन जुटाए। हॉकी के बड़े टूर्नामेंट्स की मेजबानी की, जिससे भारतीय खिलाड़ियों का खेल निखरा। नवीन पटनायक ने भारतीय खिलाड़ियों में जीत का जज्बा भरा। उन्हें यह संदेश दिया कि देश उनके साथ खड़ा है और उनके लिए कुछ भी करने को तैयार है। ओलंपिक के साल में जब भारत सरकार ने खेल बजट में 280 करोड़ रुपए की कटौती की तब हॉकी को सबसे बड़ा सहारा नवीन पटनायक ने दिया। Hockey Read also भारत के लिए सबसे सफल ओलंपिक, नीरज ने मिल्खा को समर्पित किया पदक दो दिन पहले तक यही माना जा रहा था लेकिन अब नहीं। अब हॉकी के लिए सबसे बड़ा काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है और वह काम ये है कि उन्होंने राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदल कर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार कर दिया है। सरकार के प्रचार और सोशल मीडिय में ट्रेंड हो रहे विषय को देख कर लग रहा है कि भारत में हॉकी के लिए इससे पहले इतना बड़ा काम कभी नहीं हुआ। तभी शुक्रवार को दोपहर बाद से नवीन पटनायक चर्चा से गायब हैं। उसके बाद से सिर्फ प्रधानमंत्री की चर्चा हो रही है, जिन्होंने खेल रत्न पुरस्कार का नाम हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के नाम पर कर दिया है। इस काम से पहले जो सबसे बड़ा काम हुआ था वह ये था कि प्रधानमंत्री ने स्पीकर फोन पर कांस्य पदक जीतने वाली हॉकी टीम के कप्तान से स्पीकर फोन पर बात की थी, जिसे देश के लोगों ने सुना था।
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