भारत सरकार क्या माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर को निलंबित कर सकता है? ट्विटर के साथ सरकार और भाजपा का जैसा टकराव बना है वह अभूतपूर्व है। सोशल मीडिया में यह मजाक कई दिन से चल रहा है कि जिस दिन ट्विटर ने मोदीजी के दो कट्टर समर्थकों, डोनाल्ड ट्रंप और उसके बाद कंगना रनौत का अकाउंट बंद किया उसी दिन उसने अपनी मौत के वारंट पर दस्तखत कर दिए थे। इस मजाक की बात छोड़ें तब भी सरकार और ट्विटर के बीच गंभीर टकराव है। ट्विटर ने कांग्रेस के कथित टूलकिट को फर्जी माना और उस वजह से भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा सहित कई दूसरे नेताओं के ट्विटर हैंडल को मैनिपुलेटेड मीडिया का टैग दिया। उसके बाद सरकार की नई आईटी नीति को पूरी तरह से मानने से इनकार कर दिया और शनिवार को तो राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के प्रमुख सहित कई पदाधिकारियों के ट्विटर अकाउंट पर से ब्लू टिक हटा दिया था।
इसके बावजूद शायद ही सरकार इस पर प्रतिबंध लगाएगी या निलंबित करेगी। हालांकि सरकार की ओर से कहा गया है कि ट्विटर अपनी सामंती सोच बंद करे और संघ की ओर से नाइजीरिया की मिसाल देकर कहा गया कि नाइजीरिया ने ट्विटर को निलंबित किया हुआ है। लेकिन सवाल है कि क्या भारत नाइजीरिया की लीग में शामिल होना चाहता है? ध्यान रहे दुनिया के किसी सभ्य और लोकतांत्रिक देश ने किसी सोशल मीडिया साइट को बैन नहीं किया है। दुनिया के सिर्फ तीन ही देश हैं, जिन्होंने ट्विटर पर पाबंदी लगाई है। ये देश हैं- चीन, ईरान और नाइजीरिया। अगर भारत उसे निलंबित करता है तो वह चौथा देश होगा यानी एक दूसरा क्वाड बन जाएगा। क्या भारत इस क्वाड का हिस्सा बनना चाहेगा? इसकी संभावना कम है क्योंकि भारत नहीं चाहेगा कि दुनिया में उसका नाम चीन, ईरान और नाइजीरिया के साथ लिया जाए। तभी उम्मीद की जा रही है कि जल्दी ही सरकार और ट्विटर के विवाद का कोई हल निकाल जाएगा।