रियल पालिटिक्स

फंसे छात्रों पर ही सरकारी ठीकरा!

ByNI Political,
Share
फंसे छात्रों पर ही सरकारी ठीकरा!
भारत के 20 से 22 हजार छात्र और अन्य नागरिक यूक्रेन में फंसे थे। अभी तक छह से आठ हजार लोग निकाले जा सके हैं और इस बीच एक छात्र की रूसी हमले में मौत भी हो गई है। सरकार इस मामले में पूरी तरह से विफल रही है। यूक्रेन में फंसे छात्रों ने वीडिया जारी करके सरकार की विफलता की पोल खोली है। भारत सरकार चाहती थी कि टुकड़ों-टुकड़ों में जो थोड़े से छात्र निकाले गए हैं उसके लिए सरकार की जयकार हो और जो फंसे हुए हैं उनकी बात नहीं की जाए। लेकिन तकनीक के मौजूदा समय में यह संभव नहीं था। सो, सरकार की पोल खुल गई। इससे सरकार और सत्तापक्ष के लोग इतने नाराज हुए कि उन्होंने छात्रों पर ही दोष मढ़ना शुरू कर दिया। केंद्र सरकार में कई विभाग संभाल रहे एक बड़े मंत्री प्रहलाद जोशी ने मेडिकल पढ़ने के लिए यूक्रेन गए छात्रों के लिए हिकारत के भाव से कहा कि इनमें से 90 फीसदी छात्र भारत में मेडिकल दाखिले के लिए होने वाली परीक्षा में फेल हो जाते हैं। सोचें, कितना असंवेदनशील बयान है। मंत्री को इतनी समझ नहीं है कि एडमिशन के लिए क्वालिफाई नहीं करने का मतलब फेल होना नहीं होता है। भारत में मेडिकल की सीटें चंद हजार हैं और दाखिला चाहने वालों की संख्या लाखों में है। इसलिए कई बार 80-90 फीसदी अंक लाकर भी बच्चे दाखिला नहीं ले पाते हैं। इसका यह मतलब नहीं है कि वे बच्चे फेल हो गए। यह सरकार की विफलता है कि वह इतने काबिल बच्चों को पढ़ाने के लिए जरूरी मेडिकल कॉलेज नहीं बना पाई है। Students in war zone Read also चल कर देखें, गैय्या चर गई वोट! सरकार यूक्रेन में फंसे छात्रों को समय रहते निकाल लाने में विफल रही तो उनके खिलाफ सोशल मीडिया में प्रचार शुरू करा दिया है। उनसे तरह तरह के सवाल पूछे जा रहे हैं। पढ़ने के लिए यूक्रेन क्यों गए? लाखों रुपए की फीस दी है तो कुछ हजार रुपए किराया देकर खुद नहीं आ सकते? सरकार से पूछ कर पढ़ने गए थे? जो छात्र मारा गया उसके लिए भी कहा जा रहा है कि उसने सरकार के गाइडलाइन का पालन नहीं किया। सोचें, क्या वह सरकार की गाइडलाइन नहीं मानने का कारण मारा गया? क्या रूसी सेना भारत सरकार की गाइडलाइन के हिसाब से हमला कर रही है? इससे पहले कभी मुश्किल में फंसे अपने नागरिकों के प्रति ऐसी असंवेदनशीलता या हिकारत का भाव देखने को नहीं मिलता था।
Published

और पढ़ें