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सपा से सीधी लड़ाई का फायदा या नुकसान?

ByNI Political,
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सपा से सीधी लड़ाई का फायदा या नुकसान?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी से सीधा मुकाबला बना रहे हैं। अब उन्होंने कांग्रेस के ऊपर हमले बंद कर दिए हैं या बहुत कम कर दिया है, जबकि कांग्रेस पार्टी की नेता प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश में बहुत मेहनत कर रही हैं। तभी भाजपा के प्रदेश के नेता या अन्य  राष्ट्रीय नेता कांग्रेस पर हमले करते हैं। बहुजन समाज पार्टी के बारे में तो प्रधानमंत्री या पार्टी के दूसरे नेता बोलते भी नहीं हैं। वैसे भी उत्तर प्रदेश में यह धारणा बन गई है कि बसपा इस बार चुनाव जीतने के लिए नहीं लड़ेगी। बसपा के चुनाव लड़ने का मकसद किसी तरह से सर्वाइव करने लायक वोट हासिल करना है। Up asseimbly election SP प्रधानमंत्री के हर भाषण में उनका पूरा हमला समाजवादी पार्टी पर हो रहा है। पश्चिम से लेकर पूरब तक प्रधानमंत्री ने अपनी हर सभा में सपा को निशाना बनाया। इस तरह से उन्होंने खुद ही यह मैसेज बनवा दिया है कि भाजपा का सीधा मुकाबला सपा के साथ है। भाजपा के एक जानकार नेता का कहना है कि ऐसा जान बूझकर किया जा रहा है। भाजपा को लग रहा है कि सपा से मुकाबले में उसके लिए हिंदू वोटों का ध्रुवीकरण आसान हो जाएगा। तभी बार बार मुलायम सिंह द्वारा कारसेवकों पर गोली चलवाने की घटना का जिक्र मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा के दूसरे नेता कर रहे हैं। उन्होंने कारसेवकों पर गोली चलवाने की घटना से लेकर मुख्तार अंसारी, आजम खान आदि के जरिए सपा को मुस्लिमपरस्त साबित करने की मुहिम चलाई है। Read also क्षेत्रीय पार्टियां नहीं लड़ पातीं भाजपा से यानी पहले सपा को मुस्लिमपरस्त बताना है और फिर उससे अपना मुकाबला बना कर हिंदू वोटों का ध्रुवीकरण कराना है। यह बहुत सरल और जाना-पहचाना फॉर्मूला लग रहा है लेकिन कई बार राजनीति में सबसे सरल फॉर्मूला ही कामयाब साबित होता है। यह फॉर्मूला पश्चिम बंगाल में कितना कामयाब रहा, यह सबको पता है। इसी फॉर्मूले से भाजपा ने वहां ममता बनर्जी से सीधा मुकाबला बनवाया और उसका वोट 38 फीसदी पर पहुंच गया। पार्टी दो लोकसभा सीट से 18  सीट और तीन विधानसभा सीट से 77 सीट पर पहुंच गई। इस फॉर्मूले का कुछ नुकसान भी है, जैसा कि दो बाद दिल्ली में हुआ। जब दिल्ली में त्रिकोणात्मक मुकाबला हुआ था यानी 2013 के चुनाव में तब भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनी थी और विधानसभा त्रिशंकु हो गई थी। लेकिन जैसे ही 2015 के चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस को छोड़ कर सिर्फ आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल को निशाना बनाया वैसे ही आप की ऐतिहासिक जीत पक्की हो गई। इसलिए सपा के साथ सीधा मुकाबला बनाने की रणनीति दोधारी तलवार की तरह है, जिसे बहुत सावधान से इस्तेमाल करना होगा।
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