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उत्तर प्रदेश की गुटबाजी भी गुल खिलाएगी

ByNI Political,
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उत्तर प्रदेश की गुटबाजी भी गुल खिलाएगी
उत्तर प्रदेश में कई स्तर की एंटी इन्कंबैंसी की वजह से अनेक विधायकों और पहले चुनाव लड़े उम्मीदवारों की टिकट कटने की संभावना है। लेकिन एंटी इन्कंबैंसी के अलावा पार्टी के अंदर चल रही गुटबाजी की वजह से कई लोगों की टिकट कटेगी। इसमें हो सकता है कि कुछ अच्छे उम्मीदवारों और जीत सकने वाले विधायकों की भी टिकट कटे। असल में पिछले कुछ समय से भाजपा के केंद्रीय और प्रदेश नेतृत्व के बीच अविश्वास की खबरें आती रही हैं। ऐसा माना जा रहा है कि पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को दरकिनार कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने हिसाब से काम कर रहे हैं। वे अपने चेहरे पर फोकस बनवा कर चुनाव लड़ रहे हैं। चुनाव का एजेंडा भी वे खुद ही तय कर रहे हैं। तभी माना जा रहा है कि इस बार के चुनाव में वे अपने समर्थकों को ज्यादा से ज्यादा टिकट दिलाने का प्रयास करेंगे। up assembly election 2022

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ध्यान रहे 2017 का चुनाव भाजपा ने किसी के चेहरे पर नहीं लड़ा था। उस समय योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री पद से दावेदार नहीं थे। केशव प्रसाद मौर्य प्रदेश अध्यक्ष थे और एक तरह से उनके चेहरे पर चुनाव हो रहा था। माना जा रहा था कि चुनाव के बाद पार्टी ओबीसी नेता केशव प्रसाद मौर्य को मुख्यमंत्री बनाएगी। उस समय योगी समर्थकों को गोरखपुर के इलाके में ही टिकट मिली थी और बाकी जगह पार्टी ने अपने हिसाब से टिकट बांटी थी। केशव प्रसाद मौर्य समर्थकों को भी बड़ी संख्या में टिकट मिली थी। इस बार दूसरे गुट के नेताओं की टिकट काटने और अपने निष्ठावान लोगों को टिकट देने का प्रयास होगा। हर तरफ से यह खेल होगा। पार्टी आलाकमान ने यूं ही नहीं केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को चुनाव प्रभारी बनाने के साथ आधा दर्जन सह प्रभारी बनाए हैं, जिसमें कई मजबूत नेता और केंद्रीय मंत्री भी हैं। इनका काम आलाकमान के प्रति निष्ठावान लोगों के नाम की सिफारिश करना है। तभी यह तय माना जा रहा है कि इस बार उत्तर प्रदेश में टिकट बंटवारा आसान नहीं होगा। up assembly election 2022
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