Uttar Pradesh BJP Situation | उत्तर प्रदेश भाजपा के नेताओं में आपसी टकराव बहुत बढ़ गया है। भले पार्टी के नेता एक साथ बैठ कर मीटिंग कर रहे हैं लेकिन मनमुटाव बहुत ज्यादा हो गया है। इसका असर चुनाव नतीजों पर होगा। पहले तो टिकट बंटवारे के दौरान ही अपने लोगों को ज्यादा से ज्यादा टिकट दिलाने की होड़ रहेगी उसके बाद सब एक-दूसरे के उम्मीदार को हरवाने की राजनीति करेंगे। भाजपा के जानकार सूत्रों का कहना है कि आलाकमान की ओर से बार बार दूत भेजने का मकसद इसी आशंका को दूर करना है। सोमवार को मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर कोर कमेटी की बैठक में भी इस मसले पर बातचीत होने की खबर है। टिकट बंटवारे से लेकर चुनाव के मुद्दे और मुख्यमंत्री के चेहरे पर पार्टी आलाकमान की ओर से एक राय बनाने की कोशिश हो रही है।
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Uttar Pradesh BJP Situation : पार्टी के कई नेताओं ने इस बात की आशंका जताई है कि उनके खिलाफ भीतरघात हो सकता है। राज्य सरकार के मंत्री और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही 2012 के चुनाव में भितरघात झेल चुके हैं। हिंदू युवा वाहिनी ने सूर्य प्रताप शाही सहित कई उम्मीदवारों के खिलाफ काम किया था। तभी केशव प्रसाद मौर्य या स्वामी प्रसाद मौर्य जैसे जितने नेता यह बयान दे रहे हैं कि मुख्यमंत्री का फैसला चुनाव के बाद होगा वे भीतरघात को लेकर आशंकित भी हैं। बताया जा रहा है कि इन नेताओं का पहला जोर अपने लोगों को ज्यादा से ज्यादा टिकट दिलाने पर है और उसके बाद उनकी जीत सुनिश्चित करने पर। मुश्किल यह है कि पार्टी के तीन सौ से ज्यादा मौजूदा विधायक हैं। इनमें से कितने की टिकट कट सकती है? ट्रिपल एंटी इन्कंबैंसी को कम करने के लिए कुछ विधायकों की टिकट जरूर कटेगी, लेकिन ज्यादातर लोग रिपीट होंगे। इसलिए विधायकों की वफादारी का मामला उलझा ही रहेगा।