तो आखिरकार उत्तर प्रदेश सरकार को अपने सबसे साहसी, ईमानदार, मुखर और प्रतिबद्ध पुलिस अधिकारी से मुक्ति मिल गई। जो काम मुलायम सिंह यादव, मायावती और अखिलेश यादव की सरकार नहीं कर सकी वह काम योगी आदित्यनाथ की सरकार ने कर दिखाया। उत्तर प्रदेश सरकार ने 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को सेवा पूरी होने से पहले ही सेवा मुक्त कर दिया। कहा गया कि वे सेवा के उपयुक्त नहीं हैं। यह कमाल है कि जिस सरकार से उम्मीद की जा रही थी कि वह आएगी तो सारे सवालों के जवाब मिलेंगे और सिस्टम ठीक होगा, उसने जवाब देने की बजाय सवाल उठाने वाले को ही निपटा दिया। ऐसा नहीं है कि यह सिर्फ उत्तर प्रदेश में हुआ है। हरियाणा में भी चौटाला और हुड्डा की सरकार के समय प्रताड़ित हुए ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ आईएएस अधिकारी अशोक खेमका को भाजपा की सरकार से राहत की उम्मीद थी पर भाजपा सरकार में उनकी प्रताड़ना और बढ़ गई।
बहरहाल, अमिताभ ठाकुर वह अधिकारी हैं, जिनको मुलायम सिंह यादव ने फोन करके धमकाया था और सुधर जाने की चेतावनी दी थी तो उन्होंने इस फोन का ऑडियो सार्वजनिक कर दिया था और मुलायम सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। 2015 में जब यह घटना हुई थी तब मुलायम सिंह के बेटे अखिलेश य़ादव राज्य के मुख्यमंत्री थे। अमिताभ ठाकुर वह अधिकारी हैं, जिन्होंने नेताओं को गार्ड ऑफ ऑनर देने के विरोध में राज्य के तत्कालीन मुख्य सचिव आलोक रंजन को चिट्ठी लिखी थी और कहा था कि कई माननीय विधायक, सांसद आदि आपराधिक पृष्ठभूमि के होते हैं और उन्हें वर्दीधारी पुलिस वाला क्यों गार्ड ऑफ ऑनर देगा। अमिताभ ठाकुर वह अधिकार थे, जिन्होंने ‘आई हेट गांधी’ नाम के फेसबुक पेज को लेकर फेसबुक के खिलाफ मुकदमा किया और अश्लील गानों पर रोक लगवाने के लिए अदालत गए थे। पहले आईआईटी, फिर आईआरएस और फिर आईपीएस करने वाले अमिताभ ठाकुर के साहस, ईमानदारी, कर्तव्यनिष्ठा और प्रतिबद्धता के और भी अनेक किस्से यूपी में लोग बता देंगे। उनकी साहस की एक मिसाल यह भी है कि जब गैंगेस्टर विकास दूबे गिरफ्तार हुआ तो उन्होंने पहले ही कह दिया था कि उसका इनकाउंटर हो जाएगा।
उनके ऊपर कई किस्म के आरोप लगे, जिनमें भ्रष्टाचार के भी आरोप थे और महिला के शोषण का भी। लेकिन वे हर जांच में बेदाग निकले। यह उम्मीद की जा रही थी कि भाजपा की सरकार आएगी तो उन्हें अहम जिम्मेदारी मिलेगी पर भाजपा की सरकार में भी रूल्स एंड मैनुअल जैसे विभाग में ही उनका ज्यादा समय बीता और जो काम अखिलेश की सरकार ने नहीं किया वह भाजपा सरकार ने कर दिया। इससे यह भी साबित हुआ है कि ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा भी सिस्टम में डर पैदा करती है और सिस्टम ऐसे लोगों से मुक्त होना चाहता है।