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यूपी से दूर हो रही हैं प्रियंका!

ByNI Political,
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यूपी से दूर हो रही हैं प्रियंका!
कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा उत्तर प्रदेश से दूर हो रही हैं। हालांकि अब भी उनके ट्विट और वीडियो संदेश आदि उत्तर प्रदेश को लेकर होते हैं और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर अटैक करने का कोई मौका नहीं चूकती हैं। लेकिन कहा जा रहा है कि अब राज्य की राजनीति में उनकी दिलचस्पी कम हो गई है। मार्च में जब उन्होंने देश के कई राज्यों का दौरा किया, रोड शो और रैलियां की तब उनको अपनी लोकप्रियता का पता चला और उनको लगा कि वे अखिल भारतीय स्तर की नेता हैं। इसके साथ ही यह अहसास भी हो गया कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के पल्ले कुछ नहीं है और कितनी भी मेहनत कर ली जाए, कुछ हाथ नहीं आने वाला है।

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असल में प्रियंका गांधी को पंचायत चुनावों से पहले ही अंदाजा हो गया था कि राज्य में कांग्रेस की स्थिति बेहतर नहीं हो रही है। वे जब जाती हैं तो मीडिया में अटेंशन बन जाता है, खबरें आ जाती हैं लेकिन उससे न पार्टी संगठन मजबूत हो रहा है और पार्टी का कुछ भविष्य दिख रहा है। पंचायत चुनावों के नतीजों और पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीजों ने उनकी सोच को पुख्ता कर दिया। बताया जा रहा है कि उनको और उनकी टीम को लगने लगा है कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की स्थिति वैसी ही होगी, जैसी पश्चिम बंगाल में हुई है। पार्टी दो-तीन फीसदी वोट पर सिमटेगी। तभी कांग्रेस में इस बात पर भी विचार होने लगा है कि राज्य में पिछले चुनाव की तरह फिर समाजवादी पार्टी से तालमेल किया जाए। सपा, कांग्रेस और रालोद के तालमेल की बात करने वाले कई नेता निकल आए हैं। इसलिए भी प्रियंका ने अपने को उत्तर प्रदेश की राजनीति से दूर किया है।

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हालांकि उनकी अखिल भारतीय राजनीति की महत्वाकांक्षा के बारे में भी अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है क्योंकि वे ज्यादा सक्रिय होंगी तो राहुल की टीम से टकराव बढ़ेगा। उनकी मुश्किल यह है कि राहुल की तरह वे भी अराजनीतिक लोगों की सलाह से काम कर रही हैं। उनके सलाहकारों की टीम भी जमीनी राजनीति की समझ रखने वालों की नहीं है, जिसकी वजह से पार्टी के जमीनी कार्यकर्ता शिकायत करते मिलते हैं।
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