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मायावती सिर्फ यूपी में तालमेल नहीं करेंगी!

बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती ने इस साल अपने जन्मदिन पर 15 जनवरी को जब ऐलान किया था कि वे अब किसी पार्टी के साथ तालमेल नहीं करेंगी तो ऐसा लगा था कि उन्होंने यह घोषणा पूरे देश के लिए की है। मीडिया में इसी तरह की रिपोर्टिंग हुई और बसपा नेताओं की ओर से भी बताया गया कि पार्टी हर जगह अकेले लड़ेगी। तब यह भी कहा गया कि पंजाब में भी अकाली दल के साथ बसपा का तालमेल समाप्त हो गया। लेकिन ऐसा नहीं है। पंजाब में अकाली दल के साथ बसपा का तालमेल कायम है और दोनों पार्टियां अगला लोकसभा चुनाव मिल कर लड़ेंगी।

तभी ऐसा लग रहा है कि मायावती का ऐलान सिर्फ उत्तर प्रदेश के लिए था। उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश में किसी से तालमेल नहीं करेगी। ध्यान रहे पिछली बार उन्होंने समाजवादी पार्टी से तालमेल किया था, जिसकी वजह से उनकी सीटें शून्य से बढ़ कर 10 हो गई थीं। इस बार वे अकेले लड़ती हैं तो उनको नुकसान हो सकता है। फिर भी उनकी कोशिश राज्य में चुनाव को चारकोणीय बनाने की होगी, भले उसका फायदा भाजपा को ही क्यों न मिल जाए। बहरहाल, वे  पंजाब में अकाली दल के साथ मिल कर लड़ेंगी। इस पर विचार के लिए पिछले दिनों सुखबीर बादल और हरसिमरत कौर बादल से उनकी मुलाकात हुई है और सीटों को लेकर चर्चा हुई है। जल्दी ही दोनों पार्टियां अपनी अपनी सीटों की घोषणा कर सकती हैं। इससे यह भी लग रहा है कि अकाली दल और भाजपा के बीच चल रही बातचीत सिरे नहीं चढ़ी है।

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