भारतीय जनता पार्टी हर राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले एक लक्ष्य तय करती है। यह लक्ष्य अक्सर इतना बड़ा होता है कि पार्टी उसे हासिल नहीं कर पाती है। लेकिन इस बार उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादाव भाजपा से भी दो कदम आगे निकल गए हैं। उन्होंने इतना बड़ा लक्ष्य तय कर दिया है, जिसे आज तक कोई हासिल नहीं कर पाया है। भाजपा ऐसे लक्ष्य तय करती है, जिन्हें वह हासिल नहीं कर पाती है लेकिन वह हासिल किए जाने लायक होता है। जैसे उसने दिल्ली में 70 में से 50 सीटों का लक्ष्य रखा या झारखंड में 81 में से 65 सीट का लक्ष्य रखा। यह अलग बात है कि वह इस लक्ष्य से काफी दूर रही लेकिन ये लक्ष्य हासिल किए जाने लायक हैं। आखिर आम आदमी पार्टी दो बार से दिल्ली में 60 से ज्यादा सीटें जीत रही है। Akhilesh Yadav UP elections
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लेकिन अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश की 403 सीटों में से चार सौ सीट जीतने का लक्ष्य रखा है। कुछ दिन पहले जब पहली बार उन्होंने यह बात कही तो ऐसा लगा था कि उन्होंने मजाक में या अनजाने में यह बात कही है। लेकिन अब वे इस बात को दोहरा रहे हैं। पता नहीं उनको किसने यह सलाह दी पर बुनियादी रूप से यह मूर्खतापूर्ण बात है। उन्हें अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए बढ़-चढ़ कर दावा करना चाहिए, इसमें कोई संदेह नहीं है। लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि उन्हें यह दावा करना चाहिए कि उनकी पार्टी विधानसभा की सारी सीटें जीत जाएगी। इस तरह के दावे से उनका मजाक बन रहा है और निश्चित रूप से उनकी पार्टी में भी कोई इस बात को गंभीरता से नहीं लेता होगा। उन्हें पूर्व बहुमत की या दो-तिहाई बहुमत की सरकार बनाने का दावा करना चाहिए लेकिन जितनी जल्दी हो चार सौ सीट जीतने वाली बात बंद कर देनी चाहिए।
भाजपा से दो कदम आगे अखिलेश
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