केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार आने के बाद इस बात का खूब दावा किया गया कि सरकार वीआईपी कल्चर खत्म कर रही है। मंत्रियों, अधिकारियों की गाड़ी में लाल बत्ती लगाने का चलन बंद भी हो गया। लेकिन वीआईपी कल्चर खत्म नहीं हुआ। वह दूसरे तरीके से लौट आया। केंद्र सरकार ने एक एक करके इतने लोगों को जेड या वाई श्रेणी की सुरक्षा दी है कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल यानी सीआरपीएफ की दो अतिरिक्त बटालियन वीआईपी की सुरक्षा के लिए नियुक्त करनी पड़ी है। अभी भारतीय जनता पार्टी के तमिलनाडु के प्रदेश अध्यक्ष के अन्नामलाई को जेड श्रेणी की सुरक्षा दी गई है।
इससे थोड़े दिन पहले ही बिहार में लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के नेता और जमुई के सांसद चिराग पासवान को भी जेड श्रेणी की सुरक्षा दी गई। उन्होंने पिछले दिनों बिहार में हुए दो उपचुनावों में भाजपा उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया था। महाराष्ट्र में नारायण राणे जब भाजपा में शामिल हुए थे तो उनके पास वाई श्रेणी की सुरक्षा थी, लेकिन अब उनको भी जेड सुरक्षा मिल गई है। भाजपा की मदद करने वाली अमरावती की निर्दलीय सांसद नवनीत राणा को भी पिछले साल वाई श्रेणी की सुरक्षा मिली। पंजाब में भाजपा के पांच नेताओं को वाई श्रेणी की सुरक्षा मिली है। बिहार में भाजपा के अध्यक्ष संजय जायसवाल को वाई श्रेणी की सुरक्षा मिली है और उनके साथ साथ बिहार में भाजपा के 10 नेताओं को पिछले साल वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई। सबको पता है कि पश्चिम बंगाल में भाजपा के सभी 70 के करीब विधायकों को एक्स श्रेणी की सुरक्षा मिली है।