भारतीय जनता पार्टी ने कर्नाटक चुनाव को इतना राष्ट्रीय बना दिया है कि वह लोकसभा चुनाव की तरह लगने लगा है। वह हर सीट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर वोट मांग रही है। खुद प्रधानमंत्री मोदी अपनी योजनाओं और अपनी सरकार के नौ साल के कामकाज पर वोट मांग रहे हैं। अपनी मुख्य प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के ऊपर मोदी और भाजपा का जो भी हमला है वह सोनिया व राहुल गांधी का नाम लेकर है। यहां तक कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री मोदी को निशाना बनाया और ‘जहरीला सांप’ कहा फिर भी मोदी या भाजपा के किसी बड़े नेता ने खड़गे पर पलटवार नहीं किया। उनको निशाना भी बनाया गया तो बहुत नरम तरीके से। असली हमला सोनिया और राहुल गांधी के ऊपर हुआ।
प्रदेश कांग्रेस के नेताओं पर भ्रष्टाचार तक के आरोप नहीं लगाए जा रहे हैं। सोचें, प्रधानमंत्री नेहरू गांधी परिवार पर हमला किया और कहा कि शाही परिवार जमानत पर बाहर है। उन्होंने यह नहीं कहा कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार भी जमानत पर बाहर हैं। उनके ऊपर बड़े घोटालों के आरोप लगे हैं। भाजपा का चुनाव प्रचार का तंत्र ज्यादा से ज्यादा विधानसभा क्षेत्रों में प्रधानमंत्री के दौरे कराना चाहता है। उनकी एक एक सभा में छह से सात विधानसभा क्षेत्रों के प्रत्याशी आ रहे हैं और उनके क्षेत्र से लोग लाए जा रहे हैं। हर दिन के प्रचार के बाद किसी बड़े शहर में रोड शो हो रहा है, जिसमें सारे शहरी क्षेत्र कवर हो रहे हैं। अब तक बेंगलुरू और मैसुरू में प्रधानमंत्री के रोड शो हो चुके हैं। भाजपा का हर प्रत्याशी प्रधानमंत्री की फोटो के साथ वोट मांगने जा रहा है। दूसरी ओर कांग्रेस के प्रत्याशी अपने और प्रदेश के तीन नेताओं- खड़गे सिद्धरमैया और शिवकुमार के नाम पर वोट मांग रहे हैं।