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आप की तर्ज पर पार्टियों का घोषणापत्र!

ByNI Political,
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आप की तर्ज पर पार्टियों का घोषणापत्र!
चुनाव से पहले मुफ्त में चीजें बांटने का वादा करने का रास्ता भले तमिलनाडु ने देश को दिखाया हो पर घोषणापत्र में लोक-लुभावन वादे करके लोगों को आकर्षित करने का तरीका आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल ने पार्टियों को सिखाया है। यह असम, बंगाल और दूसरे राज्यों के चुनाव के लिए पार्टियों की ओर से घोषित हो रहे घोषणापत्र या संकल्प पत्र में साफ दिख रहा है। केजरीवाल की धुर विरोधी पार्टियों उनके घोषित एजेंडे को अपने घोषणापत्र में शामिल कर रही हैं। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी ने उनकी देखा-देखी दुआरे योजना का ऐलान किया। केजरीवाल ने सबसे पहले ऐलान किया था कि वे घर-घर राशन पहुंचाएंगे। हालांकि उनकी इस योजना पर केंद्र सरकार ने रोक लगा दी है पर इस आइडिया ने ममता बनर्जी को इतना प्रभावित किया कि उन्होंने इसे अपने घोषणापत्र में शामिल किया। केजरीवाल ने ही पहले जरूरी सेवाएं भी लोगों के घर-घर पहुंचाने की योजना का ऐलान किया था। ऐसे ही केजरीवाल ने दिल्ली में दो सौ यूनिट बिजली फ्री देने का वादा किया था और पिछले छह साल से दिल्ली के लोगों को हर महीने दो सौ यूनिट बिजली और 21 हजार लीटर पानी फ्री मिल रहा है। इस तर्ज पर उनकी घनघोर विरोधी कांग्रेस ने असम में ऐलान किया कि उसकी सरकार बनी तो दो सौ यूनिट बिजली फ्री में देंगे। खुद राहुल गांधी ने इसकी घोषणा की। भाजपा ने बंगाल के अपने घोषणापत्र में मुफ्त बिजली का वादा तो नहीं किया पर कहा है कि उसकी सरकार बनी तो वह दो रुपए यूनिट की दर से बिजली देगी। कांग्रेस की किसी सरकार में यह साहस नहीं था कि वह कश्मीर में कोई पहल कर सके। यह कोई अनायास या चांस की बात नहीं थी कि दस साल के शासनकाल में मनमोहन सिंह एक बार भी पाकिस्तान नहीं गए हों। और यहां यह बताने में भी कोई हर्ज नहीं है कि उनसे पहले कांग्रेसी प्रधानमंत्री रहे नरसिंहा राव पांच साल में एक बार भी कश्मीर नहीं गए! उधर दूसरी तरफ नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने से पहले ही पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को अपने शपथ ग्रहण समारोह में बुला लिया। इसी तरह वाजपेयी के बस लेकर लाहौर जाने को समझा जा सकता है।
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