वैसे तो देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोकस पश्चिम बंगाल पर होगा। भाजपा के जानकार नेताओं का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी की 20 रैलियां पश्चिम बंगाल में हो सकती है। ध्यान रहे केंद्रीय चुनाव आयोग ने बंगाल में आठ चरण में मतदान कराने का फैसला किया है। इसका मतलब है कि औसतन हर चरण में 36-37 सीटों पर विधानसभा का चुनाव होना है। अगर हर चरण में प्रधानमंत्री की दो या उससे ज्यादा सभाएं होती हैं तो इसका मतलब है कि उनकी एक सभा से करीब 20 सीटें कवर की जाएंगी। इससे पहले संभवतः किसी प्रधानमंत्री ने एक राज्य में इतनी रैलियां या सभाएं नहीं की होंगी।
प्रधानमंत्री मोदी के अलावा अमित शाह और जेपी नड्डा की 50-50 रैलियों की तैयारी है, जबकि योगी आदित्यनाथ ने भी प्रचार शुरू कर दिया है। जय श्रीराम के नारे पर चुनाव लड़ रही भाजपा को उनकी रैलियों से बड़ी मदद मिल सकती है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पश्चिम बंगाल का चुनाव भाजपा के लिए कितना अहम हो गया है। वैसे भी दक्षिण के राज्यों में भाजपा का ज्यादा असर नहीं है। तमिलनाडु और पुड्डुचेरी में तो पार्टी को अन्ना डीएमके के साथ ही लड़ना है। केरल में भी पार्टी का राज्य का नेतृत्व ही चुनाव लड़वाएगा। इसलिए कहा जा रहा है कि दक्षिण के तीन राज्यों में प्रधानमंत्री की एक-एक, दो-दो से ज्यादा रैली नहीं होगी। वैसे भी तीनों राज्यों में एक चरण में छह अप्रैल को मतदान होना है। छह अप्रैल को तमिलनाडु, पुड्डुचेरी, केरल और असम का चुनाव खत्म हो जाएगा। उसके बाद समूचा फोकस बंगाल के चुनाव पर होगा।