भारत में किसी भी चीज पर राजनीति होती है। इसलिए यह हैरानी की बात नहीं है कि अब ट्रंप के नाम पर राजनीति हो रही है। वैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सितंबर 2018 में अमेरिका जाकर उनके प्रचार अभियान की शुरुआत की थी और अबकी बार ट्रंप सरकार का नारा दिया था। इसलिए ट्रंप पहले से ही राजनीति का विषय थे। लेकिन चुनाव हार कर राष्ट्रपति भवन छोड़ने से पहले उन्होंने जिस तरह का ड्राम किया है वह अब राजनीति का विषय बन गया है। पश्चिम बंगाल में अप्रैल-मई में चुनाव होने वाले हैं और वहां तृणमूल कांग्रेस व भाजपा दोनों एक दूसरे को ट्रंप जैसा ठहराने में लगे हैं।
ममता बनर्जी ने विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार का दावा करते हुए कहा कि हारने के बाद भाजपा के नेता डोनाल्ड ट्रंप जैसा बरताव कर सकते हैं। उन्होंने भाजपा पर हिंसक बरताव करने का आरोप लगाया तो जवाब में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि ममता बनर्जी की पूरी राजनीति ट्रंप जैसी है। वे चुनाव हारने पर ट्रंप जैसा बरताव कर सकती हैं। सोचें, दिलीप घोष ने प्रधानमंत्री मोदी के ‘माई फ्रेंड डोनाल्ड’ के बारे में यह बात कही। बहरहाल, बंगाल में ट्रंप के नाम पर राजनीति चल ही रही थी इस बीच महाराष्ट्र की रिपब्लिकन पार्टी के नेता और केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले इस मामले को अलग ही रास्ते पर ले गए। उन्होंने कहा कि ट्रंप के बरताव से महाराष्ट्र में रिपब्लिकन पार्टी की छवि खराब हो रही है। मोदी सरकार के इस ‘समझदार’ मंत्री ने यह भी ख्याल नहीं किया कि ट्रंप से मोदी की निजी दोस्ती है।