पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले जब राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत मुंबई में फिल्म अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती से मिलने गए थे तो भाजपा और संघ के बहुत से समर्थकों को यह बात अच्छी नहीं लगी थी। उनका कहना था कि अगर मिथुन चक्रवर्ती को भाजपा में शामिल ही कराना था तो भाजपा का कोई नेता उनसे बात करता या संघ के किसी दूसरे पदाधिकारी को उनसे बात के लिए भेजा जाना चाहिए था। अगर मिथुन चक्रवर्ती संघ प्रमुख से मिलना चाहते थे तो वे नागपुर आकर मिलते तो ज्यादा बेहतर होता। खैर वह बात तो बीत गई। संघ प्रमुख मिथुन से मिलने गए और उसके बाद मिथुन चक्रवर्ती भाजपा में शामिल भी हो गए, लेकिन उसका कोई फायदा भाजपा को मिला, इसके संकेत नहीं हैं।
मिथुन चक्रवर्ती भागे तो क्या होगा?
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