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अभिषेक से ज्यादा वरिष्ठ नेताओं की चिंता

ByNI Political,
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अभिषेक से ज्यादा वरिष्ठ नेताओं की चिंता
ममता बनर्जी ने अपने भतीजे अभिषेक बनर्जी के मुकाबले पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की ज्यादा चिंता की है। उन्होंने राष्ट्रीय महासचिव का पद ही खत्म कर दिया है और अभिषेक को राष्ट्रीय कार्य समिति के 20 सदस्यों के साथ लाकर सबको बराबर कर दिया है। जानकार सूत्रों के मुताबिक ममता बनर्जी अगले लोकसभा चुनाव को लेकर चिंता में हैं। उनके एक करीबी जानकार नेता ने बताया है कि ममता हर हाल में लोकसभा चुनाव में 2014 वाला प्रदर्शन दोहराना चाहती हैं, यानी 35 के करीब सीटें जीतने का उनका लक्ष्य है। उनको पता है कि है अगर पार्टी के बड़े नेता बागी होते हैं तो वे पार्टी का नुकसान करेंगे, जैसे विधानसभा चुनाव में शुभेंदु अधिकारी ने किया। इसलिए ममता नहीं चाहती हैं कि लोकसभा चुनाव तक कोई बड़ा नेता साथ छोड़े। दूसरे ममता को यह भी लग रहा है कि उन्होंने बंगाल के बाहर जहां भी दांव चला है उनमें से कहीं भी सफलता नहीं मिल रही है। पिछले दिनों त्रिपुरा में स्थानीय निकाय चुनाव हुए तो उसमें उनकी पार्टी वोट प्रतिशत के हिसाब से तीसरे स्थान पर रही। लेफ्ट को उनसे ज्यादा वोट मिले। इसी तरह गोवा में पार्टी का अभियान शुरू होने से पहले ही पंक्चर हो गया है। लुइजिन्हो फ्लेरियो, लोवू मामलेदार, लिएंडर पेस सहित जितने लोगों को धूम-धड़ाके से पार्टी में शामिल कराया गया था, उनमें से कोई भी चुनाव नहीं लड़ रहा है। ले-देकर मेघालय में पार्टी को सफलता मिली है, जहां कांग्रेस विधायकों को तोड़ कर वह मुख्य विपक्षी पार्टी बन गई है। Mamta Banerjee other parties Read also हिजाबः अरबों की अंधी नकल क्यों ? इसलिए ममता ने नई राजनीति करने वाले अपने भतीजे और उनके करीबी नेताओं को हैसियत दिखाई। उन्होंने अभिषेक का राष्ट्रीय महासचिव का पद खत्म किया और उनके करीबी नेताओं को कार्य समिति में जगह नहीं दी। गोवा में पार्टी को चुनाव लड़ा रही सांसद महुआ मोईत्रा को कार्य समिति में नहीं रखा गया। इसी तरह दिल्ली की राजनीति में पार्टी का मुख्य चेहरा रहे डेरेक ओ ब्रायन और सौगत राय को भी कार्य समिति में जगह नहीं मिली। सुष्मिता देब को भी इसी वजह से कार्य समिति में नहीं रखा गया। इस तरह से ममता बनर्जी ने शक्ति का संतुलन बनाया है। अब पार्टी के बड़े नेता खुश हैं। उनको लग रहा है कि सब कुछ ममता के हाथ में है। यह स्थिति अगले लोकसभा चुनाव तक रहेगी। उसके बाद फिर अभिषेक को प्रोजेक्ट किया जाएगा।
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