
ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस में सब कुछ अच्छा नहीं है। पार्टी के अंदर कई मसलों पर कलह चल रही है। पार्टी के अंदर कई खेमे बन गए हैं और हर खेमे का एक दूसरे से टकराव है। इस वजह से गोवा में पार्टी को नुकसान हुआ है और त्रिपुरा के चुनाव में भी पार्टी ने बहुत खराब प्रदर्शन किया। वह वोट प्रतिशत के मामले में भी सीपीएम के बाद तीसरे स्थान पर रही। यहीं कारण है कि पूर्वोत्तर में तृणमूल का अभियान थम गया है और एक-दो अन्य राज्यों में पार्टी का अभियान शुरू होने से पहले ही रूक गया है।
पार्टी के सांसद और वरिष्ठ नेता कल्याण बनर्जी ने अभिषेक बनर्जी के खिलाफ मोर्चा खोला है। पार्टी के कई और नेता कल्याण बनर्जी के साथ हैं लेकिन वे अभी चुप हैं। अभिषेक की बढ़ती ताकत से कई नेता परेशान हैं। वे ममता को तो अपना नेता मानते हैं लेकिन अभिषेक को नेता मानने के लिए तैयार नहीं हैं। तभी कल्याण बनर्जी ने अभिषेक के सामने गोवा और त्रिपुरा जीतने की चुनौती दी है और कहा है कि इन दोनों राज्यों में अगर अभिषेक पार्टी को चुनाव जीता देते हैं तो वे उनको अपना नेता मान लेंगे।
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इसी तरह यह भी खबर है कि चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर को लेकर फिर से पार्टी में विवाद शुरू हो गया है। उनके बार बार इंटरव्यू देने और खुद को विपक्ष को एकजुट करने वाला मसीहा बताने से ममता बनर्जी नाराज बताई जा रही हैं। इस बारे में खबर आई थी कि लेकिन पार्टी ने इसका खंडन कर दिया था। गोवा में प्रभारी बना कर भेजी गईं मोहुआ मोइत्रा से ममता के नाराज होने और नाराजगी के कारण पश्चिम बंगाल से हटा कर गोवा भेजने की खबरें भी आईं, जिसका गोवा में पार्टी को नुकसान हुआ है।