mamta banerjee trinamool delegation : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष ममता बनर्जी अपने संसदीय नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग के पास भेज रही हैं। यह प्रतिनिधिमंडल 15 जुलाई को चुनाव आयोग से मुलाकात करेगा और अनुरोध करेगा कि पश्चिम बंगाल में खाली हुई सात विधानसभा सीटों पर जल्दी उपचुनाव कराए। असल में ममता की चिंता सात सीटों की नहीं, बल्कि अपनी सीट की है। उनके पास नवंबर के पहले हफ्ते तक का समय है। अगर उस समय तक उपचुनाव नहीं होता है और वे किसी सीट से चुनाव लड़ कर विधायक नहीं बनती हैं तो उनको मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना होगा।
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ममता ने घबराहट में एक और कदम उठाया है। उन्होंने विधान परिषद के गठन का प्रस्ताव राज्य विधानसभा से पास कराया है लेकिन सबको पता है कि उस प्रस्ताव को संसद में मंजूरी नहीं मिलनी है। इसलिए विधान परिषद तो उनको भूल जाना चाहिए। अब रही बात विधानसभा के उपचुनाव कराने की तो वह चुनाव आयोग की मर्जी पर निर्भर है और इस बात पर भी निर्भर है कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर कब खत्म होती है और तीसरी लहर की क्या संभावना बताई जाती है।
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अभी दूसरी लहर खत्म नहीं हुई है और पश्चिम बंगाल में नौ सौ के करीब केसेज रोज आ रहे हैं। देश में 40 हजार के करीब केसेज हर दिन मिल रहे हैं। इसे देखते हुए ही उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ यात्रा टाली है। प्रधानमंत्री ने खुद लोगों को चेतावनी दी है और कहा है कि वे बाजारों और हिल स्टेशनों पर भीड़ न लगाएं। उन्होंने कहा कि ये सब चीजें थोड़ा इंतजार कर सकती हैं।
ममता की बेचैनी बढ़ रही है
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